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सीजेआई के बाद अब जस्टिस सीकरी भी नागेश्वर राव की नियुक्ति मामले से हुए अलग

सीजेआई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने भी खुद को उस याचिका पर सुनवाई से अलग कर लिया है...
सीजेआई के बाद अब जस्टिस सीकरी भी नागेश्वर राव की नियुक्ति मामले से हुए अलग

सीजेआई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने भी खुद को उस याचिका पर सुनवाई से अलग कर लिया है जिसमें सीबीआई के अतंरिम निदेशक के तौर पर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अब एक अलग बेंच में मामला कल सुना जाएगा।

गुरुवार को जैसे ही मामला जस्टिस सीकरी की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया तो उन्होंने गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर से पेश एडवोकेट दुष्यंत दवे को बताया कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते और खुद को इससे अलग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'आप मेरी स्थिति समझते हैं, मैं इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता।'

इस पर एडवोकेट दवे ने जस्टिस सीकरी से कहा कि इसके बारे में रजिस्ट्री को एक दिन पहले ही जानकारी क्यों नहीं दी गई। पहले सीजेआई ने खुद को अलग कर लिया और अब आप भी हमें नहीं सुन रहे। जस्टिस सीकरी ने कहा कि ये सीजेआई का न्यायिक आदेश था कि ये ऑर्डर उनके सामने रखा जाए। इसलिए रजिस्ट्री संबंधित जज के आदेश के बिना इसे किसी और के सामने नहीं रख सकती थी।

हाई पावर कमेटी का हिस्सा थे सीकरी

जस्टिस सीकरी सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को पद से हटाने वाली हाई पावर कमेटी का हिस्सा थे। इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी सोमवार को खुद को इस केस से ये कहते हुए अलग कर लिया था कि उन्हें 24 जनवरी को सीबीआई के नए डायरेक्टर को चुनने वाली बैठक  में हिस्सा लेना है।

एनजीओ कॉमन कॉज ने एडवोकेट प्रशांत भूषण के जरिए दाखिल याचिका में कहा है कि बिना सेलेक्शन कमेटी की मंजूरी के राव की नियुक्ति गलत है। नागेश्वर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप होने की दलील भी दी गई है। 

वर्मा के बाद हुई है नागेश्वर राव की नियुक्ति

पिछले साल 23 अक्टूबर को सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। उनकी जगह नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया। बाद में आलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली।

आलोक वर्मा ने दोबारा कार्यभार संभाला, लेकिन उसके ठीक बाद हाई पावर कमेटी ने उन्हें सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटा दिया। नागेश्वर राव को दोबारा अंतिरम डायरेक्टर नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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