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आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक 24 जनवरी तक बढ़ी

आईएनएक्स मीडिया डील मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा...
आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक 24 जनवरी तक बढ़ी

आईएनएक्स मीडिया डील मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दायर याचिका के मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को 24 जनवरी तक बढ़ा दिया है।

इससे पहले  29 नवंबर को कोर्ट ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को 15 जनवरी तक के लिए बढ़ाया था। दिल्ली हाईकोर्ट पहले भी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक लगा चुकी है। यह आठवीं बार है जब कोर्ट की तरफ से पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक को और आगे बढ़ाया गया है। चिदंबरम ने मामले में पहले से अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रखी है। इसका सुनवाई के दौरान ईडी ने विरोध किया था। 

एफआईपीबी की मंजूरी में गड़बड़ी का है आरोप

ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर इस मामले में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।ईडी ने आरोप लगाया था कि 2007 में 305 करोड़ रुपये तक की विदेशी पूंजी प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में गड़बड़ियां हुई थीं। इस दौरान पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।

इससे पहले ईडी ने 7 जनवरी को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम से पूछताछ की थी। यह दूसरी बार था जब चिदंबरम इस मामले में जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे। दिसंबर में ईडी ने चिदंबरम को पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया था।

एयरसेल मैक्सिस मामले में भी हैं आरोपी

आईएनएक्स मीडिया के साथ-साथ एयरसेल-मैक्सिस मामले में भी चिदंबरम को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई और ईडी इस मामले में यह दावा कर रही है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तमाम सबूत और दस्तावेज उसके पास मौजूद है।

चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति से ईडी कई बार पूछताछ कर चुकी है जबकि सीबीआई एयरसेल-मैक्सिस मामले में जुलाई में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। एयरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी।

क्या है एयरसेल मैक्सिस डील

सीबीआई ने इस मामले में चिदंबरम समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 11 व्यक्ति और सात कंपनियां हैं। यह मामला फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा है। 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को पी चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री ने मंजूरी दी थी।

पी चिदंबरम पर आरोप है कि उनके पास 600 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्‍ट प्रपोजल्‍स को ही मंजूरी देने का अधिकार था। इससे बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए उन्हें आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी। एयरसेल-मैक्सिस डील मामला 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था। इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दी गई।

 

 

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