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महाराष्ट्र में बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा के सरकार के फैसले से उद्योग जगत सकते में

वित्तीय संकट के चलते मुश्किल में फंसे महाराष्ट्र की नई सरकार द्वारा सभी प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर...
महाराष्ट्र में बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा के सरकार के फैसले से उद्योग जगत सकते में

वित्तीय संकट के चलते मुश्किल में फंसे महाराष्ट्र की नई सरकार द्वारा सभी प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समीक्षा के फैसले ने इंडिया इंक को सकते में डाल दिया है। हालांकि देश की व्यावसायिक राजधानी में कोई भी इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

राज्य पर भारी कर्ज और वित्तीय वचनबद्धताएं

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फंड की उपलब्धता, परियोजना की दीर्घकालिक वित्तीय व्यावहार्यता, उनकी प्राथमिकताओं और प्रांसगिकता जैसे मानकों पर परियोजनाओं की समीक्षा करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद एनसीपी नेता और मंत्री जयंत पाटिल ने एक और खुलासा करके सबको चौंका दिया कि राज्य पर 4.71 लाख करोड़ रुपये कर्ज है। इसके अलावा दो लाख करोड़ रुपये की वचनबद्धता मेगा इन्फ्रा प्रोजेक्ट के लिए है। इन परियोजनाओं के लिए वचनबद्धता पिछली सरकार ने दी थी। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रही है। 

कुल 18 लाख करोड़ की बड़ी-छोटी परियोजनाएं

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि 10.28 लाख करोड़ रुपये की नौ विशालकाय परियोजनाएं लागू होनी हैं। इसके अलावा करीब 8 लाख करोड़ रुपये की 1200 से अधिक छोटी परियोजनाएं हैं। इस तरह राज्य में 18 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। अधिकारी ने सवाल किया कि राज्य पर कुल 6.71 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है जबकि 18 लाख करोड़ रुपये और खर्च किए जाने हैं। पहले से ही वित्तीय संकट झेल रही सरकार यह पैसा कहां से लाएगी।

उद्धव ठाकरे की केंद्र से मांग

इस बीच, उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि महाराष्ट्र केंद्र सरकार के खजाने में 50 फीसदी कर राजस्व का योगदान करता है, इसलिए राज्य को अपने योगदान से दो साल के लिए छूट दी जानी चाहिए। इससे राज्य एक बार में अपने सभी कर्ज खत्म कर सकेगा। इस तरह की मांगें पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक हल्कों में बहस का मुद्दा बनी हुई हैं। लेकिन उद्धव ठाकरे की तरह किसी भी मुख्यमंत्री ने खुलकर कुछ भी बोलने का साहस नहीं दिखाया।

इन बड़ी परियोजनाओं पर संकट

राज्य की कुछ बड़ी परियोजनाओं में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन, मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे पर नानर में दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स, मुंबई, पुणे और नागपुर में कई रेल प्रोजेक्ट शामिल हैं। ये परियोजनाएं केंद्र और राज्य सरकारें कुछ प्राइवेट कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर बना रही हैं।  

बुलेट ट्रेन को सफेद हाथी बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल ने सफेद हाथी करार दिया है जबकि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव संजय दत्त ने दूसरी महत्वपूर्ण परियोजनाओं से आगे इसे बढ़ाने को गलत प्राथमिकता बताया।

कंपनियों को सांत्वना देने का प्रयास

भारतीय कंपनियों की आशंकाओं को निराधार साबित करने के लिए राज्य के मंत्री और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने कहा कि ऐसी सभी परियोजनाओं की समीक्षा ‍सभी पक्षों की चिंताओं पर विचार करके उचित तरीके से की जाएगी।

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