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गणेश विसर्जन: लालबाग के राजा का विसर्जन, ऊंची लहरों की वजह से हुई देरी; महाराष्ट्र में चार लोग डूबे, 13 लापता

मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति पंडाल लालबाग के राजा का समुद्र में विसर्जन रविवार को यानी आज अचानक आई...
गणेश विसर्जन: लालबाग के राजा का विसर्जन, ऊंची लहरों की वजह से हुई देरी; महाराष्ट्र में चार लोग डूबे, 13 लापता

मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति पंडाल लालबाग के राजा का समुद्र में विसर्जन रविवार को यानी आज अचानक आई समुद्र में ऊंची लहरें के कारण देर से हुआ। यह पहली बार है जब इस तरह की स्थिति के चलते विसर्जन समय पर नहीं हो पाया। हर साल की तरह इस बार भी मूर्ति को दक्षिण मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर सुबह 9 बजे से पहले गहरे समुद्र में विसर्जित करने की तैयारी थी। लेकिन रविवार तड़के जब मूर्ति चौपाटी पहुंची, उसी समय समुद्र में पानी का तेज बहाव शुरू हो गया।

समुद्र में ऊंची लहरें की वजह से मूर्ति को ले जाने वाला प्लेटफॉर्म (मंच) पानी में तैरने लगा, जिससे उसे ठीक से राफ्ट (बड़ी नावनुमा बेड़ा) पर चढ़ाना मुश्किल हो गया। लगभग तीन घंटे तक मूर्ति कुछ फीट गहरे पानी में रही। इस दौरान 15 से 20 स्वयंसेवक और मछुआरे मिलकर उसे संभालते रहे। सुबह करीब 11:40 बजे हाई टाइड 4.42 मीटर तक पहुंच गई थी। इस साल मंडल ने मूर्ति को विसर्जन के लिए एक नया, बड़े आकार का राफ्ट तैयार किया है। सुबह से ही हजारों भक्त गिरगांव चौपाटी पर अपने प्रिय बप्पा के अंतिम दर्शन के लिए मौजूद रहे। भीड़ को संभालने के लिए नगर निगम और पुलिस अधिकारी चौकसी के साथ निगरानी करते रहे।

साकीनाका क्षेत्र में रविवार सुबह गणेश मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया, जहा एक करंट वाला तार मूर्ति को छू गया, जिससे पास खड़े 6 भक्त करंट की चपेट में आ गए। यह घटना खैरानी रोड पर करीब 10:45 बजे हुई। घायलों को तुरंत पास के निजी अस्पतालों और सात हिल्स अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बीनू सुकुमारन कुमारन को मृत घोषित कर दिया। सभी घायलों का इलाज पैरामाउंट अस्पताल में हो रहा है और उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। स्थानीय पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और इलाके में बिजली विभाग की टीम भी तैनात कर दी गई है, ताकि आगे कोई हादसा न हो।

वहीं पालघर जिले में गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। तीन युवक नारंगी जेट्टी (विरार पश्चिम) पर विसर्जन के दौरान पानी के तेज बहाव में बह गए, लेकिन रो-रो नाव की मदद से उन्हें समय रहते बचा लिया गया। यह घटना शनिवार दोपहर करीब 3 बजे हुई। विसर्जन के दौरान एक युवक अचानक फिसलकर पानी में गिर गया। उसे बचाने के लिए उसके दो दोस्त भी तुरंत पानी में कूद गए। लेकिन तेज धार और लो टाइड के कारण तीनों युवक बहकर जेट्टी से दूर चले गए।

 

महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड के पोर्ट इंस्पेक्टर नवनीत निजाई को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत पास में मौजूद रो-रो नाव के कर्मचारी आदेष नाईक को सूचित किया। नाव को तुरंत घटना स्थल पर भेजा गया। जल्दी ही नाव मौके पर पहुंची और तीनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन कई एजेंसियों के सामूहिक प्रयास से सफल हुआ। जिलाधिकारी कार्यालय के आपदा प्रबंधन प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि समय पर सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण बड़ी त्रासदी टल गई।

महाराष्ट्र के कई जिलों में गणेश उत्सव के समापन के बाद मूर्तियों के विसर्जन के बाद कम से कम चार लोग डूब गए और 13 अन्य लापता हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे जिले के चाकन इलाके में तीन अलग-अलग घटनाओं में चार लोग अलग-अलग जलाशयों में बह गए। उन्होंने बताया कि दो लोग वाकी खुर्द में भामा नदी में और एक शेल पिंपलगांव में बह गया। उन्होंने बताया कि एक अन्य व्यक्ति पुणे ग्रामीण के बिरवाड़ी में एक कुएं में गिर गया। अधिकारी ने बताया कि चार लोगों में से अब तक दो के शव बरामद कर लिए गए हैं और अन्य दो लोगों की तलाश जारी है।

पुलिस ने बताया कि नांदेड़ जिले के गडेगांव में एक नदी में तीन लोग बह गए। बाद में उनमें से एक को बचा लिया गया और अन्य दो लोगों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि नासिक में भी चार लोगों के साथ ऐसी ही दुर्घटना हुई और उनमें से एक का शव सिन्नार में बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि जलगांव में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोग बह गए और उनकी तलाश जारी है। वहीं ठाणे जिले में मूर्ति विसर्जन के दौरान तीन लोग बह गए और अब तक उनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, अमरावती में एक अन्य घटना में विसर्जन के दौरान एक व्यक्ति के डूबने की आशंका है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां, झीलें और अन्य जलाशय उफान पर हैं, जिसके कारण राज्य आपदा प्रतिक्रिया दल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को तैनात किया गया है।

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