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कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक, आईसीजे ने पाक से सजा पर दोबारा समीक्षा करने को कहा

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने बुधवार को अपना...
कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक, आईसीजे ने पाक से सजा पर दोबारा समीक्षा करने को कहा

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया। अदालत ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्‍तान से सजा पर फिर से समीक्षा करने को कहा है। अदालत ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने काउंसलर ना मुहैया कराने को वियना संधि का उल्लंघन माना है। इसे भारत की बड़ी जीत माना जा रहा है। आईसीजे ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला दिया है। आईसीजे की कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने ट्वीट किया, 'जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलेगा। कोर्ट ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा है। पुनर्विचार तक फांसी की सजा पर रोक लागू रहेगी।' 

पीएम मोदी ने किया फैसले का स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'हम आईसीजे के फैसले का स्वागत करते हैं। सत्य और न्याय को बल मिला। तथ्यों के गहरे अध्ययन के आधार पर दिए गए फैसले के लिए आईसीजे को बधाई। मुझे भरोसा है जाधव को न्याय मिलेगा। हमारी सरकार हर भारतीय की सुरक्षा और भले के लिए हमेशा कार्य करेगी।'

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले को भारत की बड़ी जीत बताया है। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी फैसले का स्वागत करते हुए इसे भारत की जीत बताया है। साथ ही उन्होंने इस केस में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरीश साल्वे को भी धन्यवाद कहा है।

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को सुनाई थी सजा

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा सुनाने जाने के मामले को भारत ने आईसीजे में चुनौती दी थी। पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद कथित तौर पर जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को मौत की सजा सुनाई थी। उनकी सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और मामले को आईसीजे में ले गया था।

फरवरी में हुई आईसीजे की सुनवाई

अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इसी साल फरवरी में चार दिन की सुनवाई की थी जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपनी अपनी दलीलें रखी थीं। भारत ने आईसीजे से जाधव की मौत की सज़ा को रद्द करने तथा उनकी तुरंत रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया था और कहा था कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत का फैसला ‘हास्यास्प‍द मामले’पर आधारित है और वाजिब प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों तक को संतुष्ट नहीं कर पाता है। भारत ने कहा कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां उनके कारोबारी हित हैं।

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