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पहलवानों के आरोपों पर बोले बृजभूषण सिंह, 'आरोप सिद्ध हुए तो फांसी लगा लूंगा...'

पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद व भारतीय कुश्ती...
पहलवानों के आरोपों पर बोले बृजभूषण सिंह, 'आरोप सिद्ध हुए तो फांसी लगा लूंगा...'

पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद व भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई)के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को कहा कि अगर उनपर लगा एक भी आरोप साबित हुआ तो वह फांसी पर लटक जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी पहलवान उनके बच्चों की तरह हैं और वह उनको दोष नहीं देंगे क्योंकि उनकी सफलता में उनका भी खून पसीना लगा है। सिंह ने यहां रामनगर इलाके के महादेवा ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आज भी इस बात पर कायम हूं और एक बार फिर कह रहा हूं कि अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा।''

कैसरगंज से भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘चार महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना पदक लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं। मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में पदक बहाने से बृजभूषण को फांसी नहीं मिलेगी। अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायालय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो वह मुझे स्वीकार होगा।'' उन्होंने कहा कि वह इन खिलाड़ियों को कोई दोष नहीं देंगे, क्योंकि उनकी कामयाबी में उनका खून पसीना लगा है।

बृजभूषण ने कहा,‘‘सभी खिलाड़ी मेरे बच्चे की तरह हैं। कुछ दिनों पहले तक यही मुझे कुश्ती का भगवान कहते थे। जब मैंने कुश्ती को संभाला, उस समय भारत दुनिया में 20वें स्थान पर हुआ करता था। आज मेरी मेहनत के बाद दुनिया की बेहतरीन पांच कुश्ती टीमों में भारत का नाम शामिल है।'' भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैंने दिन रात कुश्ती को जिया है। सात में से पांच ओलंपिक मेडल मेरे कार्यकाल में भारत आए। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।''

उन्होंने कार्यक्रम में लोगों से आगामी पांच जून को अयोध्या में होने वाली ‘जन चेतना' महारैली में पहुंचने का आह्वान किया। गौरतलब हैं कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने गए थे लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालांकि प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने अपनी मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया है।

 

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