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धमकी के बाद महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी का संबोधन पुणे के कॉलेज ने किया रद्द

महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने आरोप लगाया है कि हिंदूवादी संगठन के दबाव की वजह से पुणे के एक...
धमकी के बाद महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी का संबोधन पुणे के कॉलेज ने किया रद्द

महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने आरोप लगाया है कि हिंदूवादी संगठन के दबाव की वजह से पुणे के एक कॉलेज को मेरा संबोधन रद्द करना पड़ा। असल में कॉलेज में शुक्रवार को महात्मा गांधी पर सेमिनार का आयोजन किया गया था जिसमें उन्हें वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था। संस्था ने ऐसा नहीं करने पर कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी थी। संस्था का मकसद था कि इसमें राजनीतिक बयान न दिया जाए। 

बता दें कि नागपाडा इलाके में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में गुरूवार को तुषार गांधी पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि हमें यह लड़ाई जारी रखनी है क्योंकि यह संविधान की लड़ाई है। जिस तरह महिलाएं यह लड़ाई लड़ रहीं हैं उन्हें इस पर गर्व है। माना जा रहा है कि तुषार गांधी के प्रदर्शन को समर्थन देने के बाद हिंदूवादी संस्था ने यह कदम उठाया।

महात्मा गांधी पर था सेमिनार

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) के सहयोग से मॉडर्न कॉलेज में 'रिविटिंग गांधी' नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तुषार गांधी और अनवर राजन को शुक्रवार को कार्यक्रम में संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

गांधी ने गुरुवार को ट्वीट किया, “मॉडर्न कॉलेज पुणे को बापू की 150 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कल निर्धारित एक कार्यक्रम को रद्द करने के लिए मजबूर किया गया था क्योंकि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था, पतितपावन संस्था ने मुझे उपस्थित होने पर कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी थी। गोली मारो गैंग इन एक्शन। ”

दी थी कार्यक्रम बाधित करने की धमकी

कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि सेमिनार अपने कार्यक्रम के अनुसार जारी रही लेकिन तुषार गांधी का भाषण रद्द कर दिया गया क्योंकि कुछ छात्रों ने धमकी दी थी कि अगर इस कार्यक्रम में तुषार गंधी आते हैं तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनके इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक बयान न दे।

तुषार गांधी ने पूछे जाने पर  बताया कि उन्हें कॉलेज से फोन आया था, जिन्होंने उन्हें सूचित किया था कि अपरिहार्य कारणों के चलते उन्होंने मेरा कार्यक्रम रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा, "मैं थोड़ा हैरान था। तो मैंने अनवर राजन को फोन किया और इस बारे में पूछताछ की। उन्होंने मुझे बताया कि कुछ पतित पावन संस्था ने कार्यक्रम में मेरी उपस्थिति पर आपत्ति जताई है।"  उन्होंने कहा कि उन्हें गुरुवार की रात अपने संबोधन को रद्द करने की सूचना दी गई थी।

उन्होंने कहा, "डॉ गजानन एकबोटे (कॉलेज को चलाने वाले शिक्षा समिति के अध्यक्ष) ने मुझे बताया कि कुछ छात्र संगठनों ने कॉलेज पर दबाव डाला कि अगर मैं वहां मौजूद रहता हूं तो वे इस कार्यक्रम को बाधित करेंगे।"

पतित पावन संस्था पर धमकी का आरोप

राजन ने दावा किया कि उनके और गांधी के संबोधन को एक हिंदूवादी संगठन, पतित पावन संगठन (पीपीएस) के कुछ सदस्यों द्वारा रद्द कर दिया गया था, जिन्होंने पुणे विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क किया और तुषार गांधी के वक्ता होने पर आपत्ति जताई। राजन ने कहा कि जब गांधी उद्घाटन भाषण देने वाले थे, तब वे स्वयं सेमिनार के दौरान मुख्य-भाषण देने वाले थे।

उन्होंने कहा, "पतित पावन संगठन के कुछ सदस्यों ने एसपीपीयू से संपर्क किया और तुषार गांधी के नाम पर आपत्ति ली और बाद में मॉडर्न कॉलेज के अधिकारियों ने हमें अपनी प्रस्तुतियों को रद्द किए जाने की जानकारी दी।"

कॉलेज चलाने वाले प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी (पीईएस) के अध्यक्ष डॉ गजानन एकबोटे ने कहा, "मैंने गुरुवार देर रात तुषार गांधी से बात की। हम अपने कॉलेज में उनके अलग कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं। हम महात्मा गांधी के खिलाफ नहीं हैं। वह मेरे अध्ययन का विषय है। इसलिए, किसी भी गलतफहमी को मन न रखें।"

संस्था ने दिखाए तुषार गांधी के आपत्तिजनक भाषण

उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों ने हमें तुषार गांधी के भाषणों के वीडियो दिखाए और उनके भाषणों को आपत्तिजनक बताया। उन्होंने तुषार गांधी के कार्यक्रम में आने पर विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी। जैसा कि कॉलेज में परीक्षा चल रही है, हमने तुषार गांधी का आमंत्रण रद्द कर दिया ताकि कानून और व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो।  

एकबोटे ने कहा, "इस कार्यक्रम का आयोजन एसपीपीयू के सहयोग से किया जा रहा है, जिसने इसके लिए 3 लाख रुपये दिए हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया जाए या इस तरह के विचार आयोजन के दौरान व्यक्त न किए जाएं।"

हालांकि, पतित पवन संगठन के एक पदाधिकारी सीताराम खाडे ने इस आरोप का खंडन किया कि सदस्यों ने कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी थी। हममें से किसी ने भी कार्यक्रम का विरोध करने के लिए कॉलेज से संपर्क नहीं किया।

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