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एनआरसी मामले में 'विदेशी' करार दिए गए रिटायर्ड आर्मी कैप्टन सनाउल्लाह को मिली जमानत

असम के डिटेंशन कैंप में रह रहे भारतीय सेना के रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद सनाउल्लाह को गुवाहाटी हाईकोर्ट...
एनआरसी मामले में 'विदेशी' करार दिए गए रिटायर्ड आर्मी कैप्टन सनाउल्लाह को मिली जमानत

असम के डिटेंशन कैंप में रह रहे भारतीय सेना के रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद सनाउल्लाह को गुवाहाटी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें 'विदेशी' करार देकर पुलिस कस्टडी में ले लिया गया था और डिटेंशन कैंप में डाल दिया गया था। दरअसल, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के चलते असम में यह मामला सामने आया था, जिसमें उन्हें ‘विदेशी’ बताया गया था।

सनाउल्ल्लाह सेना में कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे। दो दशक पहले उन्होंने कारगिल युद्ध भी लड़ा था। फिलहाल 52 वर्षीय मोहम्मद सनाउल्लाह सीमा पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। सनाउल्लाह को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित किया था।

कांग्रेस सांसद ने अमित शाह को लिखा था पत्र 

इससे पहले उन्हें हिरासत में लेने को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चिंता प्रकट की थी। पूर्व सैन्यकर्मी को राहत देने के लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। शाह को चिट्ठी लिखकर गोगोई ने कहा कि सेवानिवृत सूबेदार और कारगिल युद्ध लड़ चुके मोहम्मद सनाउल्ला को असम में विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित किए जाने के बाद उन्हें एक हिरासत केंद्र में रखा गया है।

गोगोई ने कहा है कि हिरासत पर अपनी चिंताएं जताने के लिए मैंने आपको पत्र लिखा है... मैं पूर्व सैन्य अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह के लिए राहत चाहता हूं और प्रक्रिया सही होनी चाहिए जहां वास्तविक भारतीय नागरिक को सुरक्षा मिले और विदेशी हटाए जाएं। असम के कालियाबोर के सांसद ने कहा कि मीडिया की कुछ खबरों के मामले में  सरकारी अधिकारियों की तरफ से लापरवाही का संकेत मिला है।

गोगोई ने कहा, ‘मैं  आपसे मामले में गौर करने के लिए और जांच शुरू करवाने का अनुरोध करता हूं’। असम के लोग इंसाफ के लिए केंद्र सरकार की ओर देख रहे हैं’। सेना से सेवानिवृत होने के बाद सनाउल्लाह ने असम पुलस (सीमा) में सहायक उप निरीक्षक के तौर पर काम शुरू किया था। उन्हें राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।

जांच अधिकारी भी सवालों के घेरे में

इस मामले में जांच अधिकारी सवालों भी के घेरे में है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उस रिटायर्ड पुलिसकर्मी के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है जिसने पूर्व सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित करने वाले दस्तावेजों की पुष्टि की थी और उनका बयान दर्ज किया था।

अधिकारियों ने कहा था कि तीन लोगों ने बोको पुलिस थाने में असम सीमा पुलिस के सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर चंद्रामल दास के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई। इन तीन लोगों के नाम सनाउल्लाह के बयान में गवाह के तौर पर सामने आए थे।

गवाहों ने दर्ज कराई शिकायतें

बोको पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी जोगेन बर्मन ने कहा था कि मोहम्मद कुरान अली, सुवाहन अली और अजमल अली ने प्राथमिकियों में आरोप लगाया कि सनाउल्लाह के मामले की जांच कर रहे दास ने उन्हें गवाह के तौर पर किसी बयान या किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर के लिए नहीं बुलाया था। बर्मन ने बताया था कि पुलिस ने बर्मन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में तीन मामले में दर्ज किए।

शिकायत में क्या है?

तीनों व्यक्तियों ने अपनी शिकायतों में यह भी कहा कि सनाउल्लाह असली भारतीय नागरिक हैं और उन्हें ‘‘असम सीमा पुलिस ने प्रताड़ित किया जिसने उन्हें संदेहात्मक मतदाता घोषित करने के लिए साजिश रची।’’

प्रणब मुखर्जी ने किया था सम्मानित

जानकारी के मुताबिक, सनाउल्लाह सेना में 32 साल तक रहे। जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में काउंटर इमरजेंसी ऑपरेशन का हिस्सा भी रहे। इसके आलावा उन्होंने वॉलन्टरी रिटायरमेंट के बाद एसआई बॉर्डर पुलिस के तौर पर भी काम किया। साल 2014 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें सम्मानित किया था।

संदिग्ध मतदाता के तौर पर नाम किया गया था दर्ज

रिटायरमेंट के बाद उन्हें पत्नी और बच्चों के साथ डिटेंशन कैंप पहुंचा दिया गया। असम के कामरूप जिले के अपर पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया ने बताया कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था।

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