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राधेश्याम और इकबाल की दोस्ती बनी सांप्रदायिक एकता की मिसाल

अहमदाबाद के दो दोस्त राधेश्याम लज्जाराम गुप्ता और बेहलिम मोहम्मद इकबाल सांप्रदायिक एकता के प्रतीक...
राधेश्याम और इकबाल की दोस्ती बनी सांप्रदायिक एकता की मिसाल

अहमदाबाद के दो दोस्त राधेश्याम लज्जाराम गुप्ता और बेहलिम मोहम्मद इकबाल सांप्रदायिक एकता के प्रतीक के रूप में उभरे हैं। ये दोनों साथ मिलकर 40 साल से दुकान चला रहे हैं। इन दोनों की दोस्ती से यह बात साफ होती है कि अंतर धार्मिक सद्भावना अभी भी कायम है।

इन दोनों की शहर के सारसपुर इलाके में साझे की दुकान चलाते हैं। इस दुकान का नाम ‘गुप्ता रक्षा बंधन’ है और यहां त्योहारों के लिए सजावटी सामान बेचे जाते हैं।

गुप्ता और सत्तार का मानना है कि उनकी दोस्ती उदाहरण बनकर दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगी। दोनों मित्र एक-दूसरे का काफी सम्मान करते हैं। इनके मन में दोनों धर्मों की मान्यताओं के प्रति काफी आदर है और इनके बीच अद्भुत सामंजस्य है।

दोनों मित्र कहते हैं पैसा या धर्म के कारण दोनों के बीच इतने वर्षों के दौरान कभी कोई विवाद नहीं हुआ है। राधेश्याम कहते हैं, “हम साथ-साथ हर जगह जाते हैं। चाहे यह अजमेर का दरगाह हो या महाकालेश्वर मंदिर। जब किसी को कोई जरूरत पड़ती है तो हम सदैव एक-दूसरे के लिए खड़े हो जाते हैं। इतना ही नहीं हम दोनों के परिवार त्योहार भी साथ-साथ मनाते हैं। यह नहीं देखते कि यह किसका त्योहार है।”

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