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कृषि कानूनों की वापसी: राकेश टिकैत बोले- एमएसपी एक बड़ा सवाल, उस पर भी बने कानून

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय...
कृषि कानूनों की वापसी: राकेश टिकैत बोले- एमएसपी एक बड़ा सवाल, उस पर भी बने कानून

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी भी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी कानून बन जाए, क्योंकि किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुकसान होता है। अभी बातचीत करेंगे, यहां से कैसे जाएंगे। अभी बहुत से कानून सदन में है, उन्हें फिर ये लागू करेंगे। 

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उस पर हम बातचीत करना चाहते हैं। आज संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग है। जो भी उसमें निर्णय लिया जाएगा उसके बाद ही हम कोई बयान देंगे।

 

इससे पहले राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया था कि आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। केंद्र सरकार पहले कृषि कानूनों को संसद में लाकर निरस्त कराए। यह देश के अन्नदाता की पहली जीत है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।

राकेश टिकैत ने कहा था कि प्रधानमंत्री की घोषणा पर विश्वास नहीं है। पहले केंद्र सरकार कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया को संसद में लाए। एमएसपी की गारंटी दी जाए। यह देश के अन्नदाता का सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने ट्वीट कर केंद्र सरकार के निर्णय पर कहा था कि लोग खुशी नहीं मनाएं। अभी लड्डू-मिठाई बांटने की जरूरत नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद आंदोलन पर आगे की रणनीति स्पष्ट होगी।

गौरचलब है कि कृषि कानूनों को लेकर गाजीपुर, सिघु बार्डर पर एक वर्ष से आंदोलन चल रहा है। पश्चिमी उप्र से भाकियू की आंदोलन में अग्रणी भूमिका है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कृषि कानूनों पर स्थिति साफ कर इन्हें वापस लेने और एमएसपी को अधिक प्रभावी बनाने के लिए संसद सत्र में मुद्दे को रखने की बात कही है।

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