Advertisement

'बातचीत गोपनीय, अंदाजा लगाना नहीं चाहता': भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है।...
'बातचीत गोपनीय, अंदाजा लगाना नहीं चाहता': भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। हालांकि, इस तनाव को कम करने के लिए राजनयिक और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता जारी है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है।

एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान चीन के साथ चल रही वार्ता के नतीजे के बारे में विशेष तौर पर पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा, 'चर्चा चल रही है और यह कार्य प्रगति पर है।' जब ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम में उनसे सीमा की स्पष्ट स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'वार्ता चल रही है और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है।'

उन्होंने कहा, 'मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं।' तिब्बत की स्थिति के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य मुद्दों पर विचार करना चाहिए, जिनका स्पष्ट रूप से लद्दाख में वर्तमान स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।'

उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर 1993 से कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ। उन्होंने कहा, ''पिछले 30 वर्षों से, हमने सीमा पर शांति पर आधारित संबंध बनाए हैं। जयशंकर ने कहा कि यदि शांति के माहौल को सुनिश्चित नहीं किया गया और जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये, यदि उनका पालन नहीं किया गया तो यह ''व्यवधान का प्राथमिक कारण है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध चल रहा है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement