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कपिल सिब्बल ने अमित शाह पर लगाया गंभीर आरोप, बोले- नोटबंदी में किया कमीशन का खेल

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया है कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा...
कपिल सिब्बल ने अमित शाह पर लगाया गंभीर आरोप, बोले- नोटबंदी में किया कमीशन का खेल

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया है कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला था। इसे लेकर उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाए। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो जारी करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटबंदी के दौरान मोदी सरकार ने बड़ी मात्रा में नोटों की बदली की है। उन्होंने कहा कि नोट बदली करने के लिए एक स्पेशल टीम गठित की गई थी। नोटों को बदलने का काम चुनिंदा नेताओं और बड़े कारोबारी घराने के लिए किया गया। 

वहीं, आरोपों पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में कहा, ‘कपिल सिब्बल ने हमारे पार्टी अध्यक्ष पर झूठे आरोप लगाए हैं और हम उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे।‘

सिब्बल ने दावा किया, 'इस टीम में सभी विभागों के अधिकारी शामिल थे और इसका नेतृत्व अमित शाह ने किया था। उन्होंने कहा कि 1 लाख करोड़ रुपए की तीन सीरीज डुप्लीकेट में छपी और विदेश में छपे इन करेंसी नोटों को हिंडन एयरफोर्स बेस पर एयरफोर्स ट्रांसपोर्ट प्लेन में कैसे भारत लाया गया? यहां से 35 से 40 फीसदी के कमीशन पर पैसे को रिजर्व बैंक भेजा गया। 

हालांकि, उन्होंने दिखाए गए वीडियो को प्रमाणित नहीं किया। उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक डोमेन में हैं और संबंधित एजेंसियों को जांच शुरू करनी चाहिए। सिब्बल कहा कि चुनाव आयोग उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।

सिब्बल ने कहा, 'ऐसा लगता है कि सारी सरकारी एजेंसियों पर इन्होंने ‘कब्जा’ कर रखा है। जब एजेंसी और सरकार एक मंच पर आ जाए, तो लोकतंत्र बहाल नहीं हो सकता। आज वही स्थिति है। एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षियों को निशाना बनाने में किया जा रहा है।' 

'मिलीभगत से हुआ सारा खेल'

उन्होंने कहा कि यह वीडियो क्लिप्स कथित रूप से एक राजनीतिक दल, बैंकर्स, सरकार और कानून लागू करने वालों सहित इसके अधिकारियों की मिली भगत दर्शाता है। कपिल सिब्बल ने कहा कि क्लिप्स में कैबिनेट सचिवालय में फील्ड असिस्टेंट राहुल रथरेकर ने बताया कि 1 लाख करोड़ रुपए की 3 सीरीज डुप्लीकेट में छपी और विदेश में छपे इन करेंसी नोटों को हिंडन एयरफोर्स बेस पर एयरफोर्स ट्रांसपोर्ट प्लेन में कैसे भारत लाया गया? 

'विशेष तौर पर की गई थी भर्ती'

उन्होंने कहा कि अमित शाह द्वारा नियंत्रित मुद्रा अदला-बदली के विस्तृत लॉजिस्टिक्स के बारे में भी राहुल रथरेकर ने बताया। वह बताते हैं कि कैसे 26 लोगों को विशेष रूप से आरबीआई के साथ समन्वय और पर्यवेक्षण के लिए विभिन्न विभागों से भर्ती किया गया है। राहुल रथरेकर ने ये भी बताया कि कैसे रिलायंस जियो डेटाबेस का दुरुपयोग आरबीआई में बार-बार मुद्रा विनिमय लेन-देन दिखाने के लिए किया गया था। रथरेकर ने पुष्टि की कि उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाली नई मुद्रा वास्तव में 6 महीने पहले छपी थी। राहुल ने यह भी बताया कि नोटों को बदलने का काम चुनिंदा नेताओं और बड़े कारोबारी घराने के लिए शुरू किया था।

'किसे फायदा हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए'

कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी गरीबों पर एक सर्जिकल स्ट्राइक थी। इसकी वजह से गरीबों को अपनी कमाई से हाथ धोना पड़ा लेकिन नोटबंदी ने अमीरों को बैंकिंग प्रणाली में हेराफेरी करके अपने गैर-हिसाबी धन को बदलने का अवसर प्रदान किया। इस घोटाले से किसको फायदा हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘जांच एजेंसियां विपक्षी दलों के नेताओं की जांच करेंगी लेकिन इनके मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की कोई जांच नहीं होगी। ऐसा लगता है कि ईडी, सीबीआई और एनआईए मोदी सरकार के कब्जे में है। अब लोकतंत्र बचाने का काम जनता है।’

'किया है राजद्रोह का अपराध'

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पिछलों पांच वर्षों में आपने देखा कि पानी की तरह पैसा बहता है। इसकी झलक इन वीडियो में दिखी है। अगर यह सच है और इस तरह से खजाने को लूटा जा सकता है, तो हम सभी को आगे आने वाले खतरों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। इस घोटाले में जो भी शामिल हैं, वह न केवल राष्ट्र-विरोधी हैं, बल्कि उन्होंने राजद्रोह भी किया है।’ 

उन्होंने कहा कि हाल ही में एक एक्सपोज ने ये दिखाया था कि कैसे दिसंबर 31, 2016 के बाद एक दीवार में दो हजार के नए नोट्स भरे पड़े थे, फिर भी हमारी एनफोर्समेंट एजेंसीज ने ना तो उस पर जांच की, ना ही एफआईआर  दर्ज की। यह वहीं एजेंसियां हैं जो चुनाव के बीच में विपक्ष को निशाना बनाने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही हैं।

 


'पांच साल पहले किए वादे भूल गए हैं'

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में घोषणा की थी कि वह 60 महीने में वो काम कर के दिखाएंगे जो कांग्रेस 60 वर्षों में नहीं कर पायी। उनके सारे वादे अधूरे रह गए। अब मोदी कभी भी 'अच्छे दिन' की बात नहीं करते। वह लाखों करोड़ों का ब्लैक मनी वापस लाने के अपने वादे भी भूल चुके हैं, जो उनके अनुसार विदेश में जमा थे। 

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