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IRCTC मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित

आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में आज दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई हुई जिसमें...
IRCTC मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित

आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में आज दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई हुई जिसमें बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की पेशी हुई। कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और अब मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।

कोर्ट में राबड़ी और तेजस्वी की पेशी के दौरान राजद सांसद मनोज झा और राजन तिवारी भी मौजूद थे। पेशी के बाद तेजस्वी ममता बैनर्जी की रैली में शामिल होने के लिए कोलकाता चले गए।

19 जनवरी तक बढ़ाई थी लालू की अंतरिम जमानत की अवधि

बता दें कि पिछली बार 20 दिसंबर को हुई सुनवाई में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव जेल से वीडियो कॉन्फ्रें‍सिंग के माध्यम से पेश हुए थे। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी कोर्ट पहुंचे थे और कोर्ट ने लालू यादव की अंतरिम जमानत की अवधि 19 जनवरी तक बढ़ा दी थी। वहीं, ईडी की तरफ से दर्ज किए गए इसी मामले में फिलहाल कोर्ट की सुनवाई जारी है।

खराब सेहत के चलते पेश नहीं हो सके थे लालू

20 दिसंबर की सुनवाई से पहले पिछली सुनवाई में लालू यादव को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होना था, लेकिन वह खराब सेहत के चलते पेश नहीं हो सके थे। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर तक टाल दी थी। उस समय ही कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू यादव की पेशी और सुनवाई की समुचित व्यवस्था करे।

वहीं, इससे पहले 6 अक्टूबर को आइआरसीटीसी घोटाले के दोनों मामलों में लालू परिवार को पटियाला हाउस कोर्ट से राहत मिल गई थी।

सीबीआई के बाद ईडी ने लालू एंड फैमली के खिलाफ कोर्ट में दायर की चार्जशीट

आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में लालू एंड फै‌मिली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में ईडी ने कई अहम सबूत की बात कही थी। चार्जशीट में ईडी ने लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और तत्कालीन एमडी बीके अग्रवाल के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया था।

जानें क्या है पूरा मामला

यह मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है। विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं। इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली। एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली।

सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया। हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे।

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