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15 दिसंबर को जामिया हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन, जारी की 70 लोगों की तस्वीरें

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जामिया हिंसा में शामिल 70 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस के मुताबिक...
15 दिसंबर को जामिया हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन, जारी की 70 लोगों की तस्वीरें

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जामिया हिंसा में शामिल 70 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस के मुताबिक विश्वविद्यालय कैंपस के पास सीएए के विरोध में हुई हिंसा के संबंध में दो मामले दर्ज किए गए थे। पहला केस जामिया नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। जबकि दुसरा मामला दंगा, आगजनी, गैरकानूनी विधानसभा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दूसरा मामला दर्ज किया गया था।

बता दें कि, बीते 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर ( एनपीआर) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान जामिया इलाके में प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की कई बसों को आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे थे जिसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

घायल छात्र पहुंचा हाई कोर्ट

वहीं, हिंसा में घायल छात्रों में से एक छात्र का मामला आज (बुधवार) को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस घटना में एक समिति या स्पेशल इंवेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) द्वारा अदालत की निगरानी में जांच  कराने की मांग की गई। आरोप के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय की लाईब्रेरी में प्रेवश कर उस वक्त पढ़ रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया था जिसमें करीब 150 छात्र घायल हो गए थे। याचिकाकर्ता मिन्हाज़ुद्दीन ने हुई हिंसा में अपनी एक खो दी है जबकि उनके दूसरे घायल आंख का उपचार चल रहा है।दायर याचिका में मांग की गई कि उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर मुआवजा दिया जाए। साथ ही इस घटना में शामिल पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए हमले को लेकर केस दर्ज हो।

16 मार्च तक रिपोर्ट करें पेश

इससे पहले 22 जनवरी को मामले पर दिल्ली की एक अदालत ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया था। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रजत गोयल ने 16 मार्च तक दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।

‘आज तक नहीं दर्ज की गई एफआईआर’

अधिवक्ता असगर खान और तारिक अनवर के माध्यम से यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसमें लिखा था, "विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ने एफआईआर के पंजीकरण के लिए एसएचओ जामिया नगर को दिनांक 16.12.2019 को शिकायत दर्ज की थी और उसी की एक प्रति ईमेल के माध्यम से भी भेजी गई थी। 17.12.2019 को एसएचओ जामिया नगर, डीसीपी दक्षिण-पूर्व और दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस की अनधिकृत प्रवेश के खिलाफ, पुस्तकालय में पढ़ने वाले छात्रों को शारीरिक चोट पहुंचाने और 15.12.2019 को विश्वविद्यालय की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। जबकि आजतक इस संबंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।"

 

 

 

 

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