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दिल्ली अग्निकांड के मामले में भवन स्वामी और मैनेजर गिरफ्तार, अवैध रूप से चल रही थी फैक्ट्री

दिल्ली की अनाज मंडी में 43 लोगों की जान लेने वाले भयानक अग्निकांड के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने ‍भवन...
दिल्ली अग्निकांड के मामले में भवन स्वामी और मैनेजर गिरफ्तार, अवैध रूप से चल रही थी फैक्ट्री

दिल्ली की अनाज मंडी में 43 लोगों की जान लेने वाले भयानक अग्निकांड के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने ‍भवन के मालिक रिहान और उसके मैनेजर फुरकान को गिरफ्ता कर लिया है।अनाज मंडी में आग का शिकार हुई फैक्ट्री अवैध रूप से चलाई जा रही थी। अग्निशमन विभाग से मंजूरी भी नहीं ली गई थी। जानकारी मिली है कि अधिकांश मौते जहरीली गैस में दम घुटने से हुईं। बिजली लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।

भवन स्वामी पर केस दर्ज

पुलिस ने बताया कि भवन स्वामी को आइपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 285 (आग के मामले में लापरवाही बरतने) के तहत केस दर्ज किया गया है। उपहार सिनेमा अग्निकांड के बाद यह दिल्ली का सबसे भयानक अग्निकांड है। अधिकारियों ने शुरूआती जांच करके बताया है कि संभवतः आग शार्ट सर्किट के कारण लगी। इमारत में न तो आग बुझाने के लिए कोई उपकरण मौजूद थे, न ही भवन के लिए फायर विभाग से कोई मंजूरी ली गई।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग

अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री चलने के कारण इसमें बिजली का काफी लोड था। मशीनें चलाई जाती थी। इस वजह से बिजली का शॉर्ट सर्किट होने के कारण आग लगने की घटना होने के संकेत हैं।

जहरीली कॉर्बन मोनोऑक्साइड बनी मौत

आग बुझाने के काम में लगाई एनडीआरएफ की टीम के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि अधिकांश लोगों की मौत आग के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड गैस फैलने के कारण हुई। समूची बिल्डिंग में धुएं के साथ यह गैस फैल गई और लोगों का दम घुट गया। एनडीआरएफ के जवानों को बिल्डिंग की तीसरी और चौथी मंजिल पर भी धुएं में यह खतरनाक गैस मिली।

कमरे में अंदर सोने वाले इतने भाग्यशाली नहीं रहे

32 वर्षीय फिरोज खान इमारत में आग लगने के बाद बचे लोगों में शामिल है। वह कमरे में दरवाजे के पास सो रहा था। इस वजह से आग लगने पर जागने के बाद बचकर भागने में सफल हो गया। लेकिन कमरे में अंदर सो रहे दूसरे लोग इतने भाग्यशाली नहीं थे। वे बच नहीं पाएंगी और जान गंवा बैठे।

इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि 150 दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला। दमकल अधिकारियों ने बताया कि 43 श्रमिक मारे गए और दो दमकल कर्मी घायल हुए हैं।

मुआवजे का ऐलान

दिल्ली सरकार ने आग लगने की घटना में मारे गए लोगों को 10-10 लाख रुपये और झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की है। वहीं, बीजेपी भी 5-5 लाख रुपये की सहायता देगी।

रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे रहे लोग

सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे हैं। बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है। वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, ‘‘कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है।’’ व्यक्ति ने कहा, ‘‘मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं।’’

सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अग्निकांड की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच की जाए ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) को जांच करने और सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विजय गोयल सहित कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे।

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