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सीबीआई रिश्वतखोरी मामले में बिचौलिये मनोज प्रसाद को मिली जमानत

सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर रिश्वत के आरोपों के मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिये...
सीबीआई रिश्वतखोरी मामले में बिचौलिये मनोज प्रसाद को मिली जमानत

सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर रिश्वत के आरोपों के मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी ।

सीबीआई के स्पेशल जज संतोष स्नेही मान ने प्रसाद को जमानत प्रदान करते हुए कहा कि आरोपी को और हिरासत में रखने से कोई मकसद हल नहीं होगा ।

17 अक्टूबर को किया था गिरफ्तार

मनोज प्रसाद को सतीश बाबू सना से 5 करोड़ की घूस के मामले में 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह न्यायिक हिरासत में है। सना के मुताबिक, मनोज प्रसाद सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की तरफ से डील कर रहा था और उसने वादा किया था कि अगर 5 करोड़ रुपये दिए गए तो सीबीआई उसके खिलाफ नरमी बरतेगी।

डीएसपी को मिल चुकी है जमानत

डीएसपी देवेंद्र कुमार को फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन पर कारोबारी सतीश सना का बयान दर्ज करने में फर्जीवाड़े का आरोप है। सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिये मनोज प्रसाद को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। 31 अक्टूबर को सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को कोर्ट ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी। डीएसपी देवेंद्र कुमार को पटियाला हाउस कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी।

मीट कारोबारी मामले में घूस मांगने का है आरोप

 

सीबीआई ने कारोबारी सतीश सना की लिखित शिकायत पर 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। राकेश अस्थाना, मनोज प्रसाद और देवेंद्र कुमार के अलावा एक और कथित बिचौलिये सोमेश प्रसाद का नाम भी इस मामले में आरोपी के तौर पर शामिल है। 

एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि मीट निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ मामले में जांच अधिकारी रहे देवेंद्र कुमार शिकायतकर्ता को परेशान करने के लिये बार-बार उसे सीबीआई दफ्तर बुला रहे थे और मामले में क्लीन चिट देने के बदले उसे पांच करोड़ की घूस देने के लिये बाध्य कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि घूस की कुछ रकम सतीश सना द्वारा दी गई थी।

 

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