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दिल्ली में प्रदूषण का कहर जारी, बेहद खराब श्रेणी में राष्ट्रीय राजधानी की हवा, एक्यूआई 300 के पार

राजधानी दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ ही हवा में जहर का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से...
दिल्ली में प्रदूषण का कहर जारी, बेहद खराब श्रेणी में राष्ट्रीय राजधानी की हवा, एक्यूआई 300 के पार

राजधानी दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ ही हवा में जहर का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बेहद खराब बना हुआ है। इस कड़ी में बीते 24 घंटे में दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। सोमवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 दर्ज रिकॉर्ड हुई। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि मौसम में बदलाव की वजह से अगले 24 घंटे में हवा की सेहत और बिगड़ सकती है। अगले दो दिनों तक हवा की सेहत में सुधार की संभावना नहीं है।

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान इस मौसम के औसत से दो डिग्री कम 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह नौ बज कर 10 मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 324 पर था।

उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है।

मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में सापेक्षिक आर्द्रता सुबह साढ़े आठ बजे 85 फीसदी दर्ज की गयी। उसने दिन में आसमान मुख्यत: साफ रहने तथा अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है।

केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, बीते 24 घंटे में दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी दो फीसदी रही। पीएम 2.5 से छोटे कणों की पीएम 10 में 54 फीसदी हिस्सेदारी रही है। पीएम 10 का स्तर 253 व पीएम 2.5 का स्तर 142 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, रविवार को पंजाब में 12 जगहों पर पराली जलाई गई हैं। वहीं, हरियाणा में आठ, उत्तरप्रदेश में 14, मध्यप्रदेश में 57 व राजस्थान में दो जगहों पर पराली जलाई गई। हालांकि, दिल्ली में एक भी स्थान पर पराली नहीं जली।

सफर के मुताबिक, तापमान लुढ़कने और पराली के साथ स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण की वजह से प्रदूषकों को जमने में मदद मिल रही है। इस वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, बीते 24 घंटे में ग्रेटर नोएडा की हवा 343 एक्यूआई के साथ सबसे खराब दर्ज की गई है। वहीं, दिल्ली की हवा 328 एक्यूआई के साथ बेहद खराब श्रेणी में दर्ज रही।

वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि मौसमी परिस्थितियों में बदलाव की वजह से हवा की सेहत में सुधार की संभावना नहीं है। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, बीते 24 घंटे में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम और रफ्तार चार से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रही। वहीं, मिक्सिंग हाइट का स्तर 1050 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स तीन हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक दर्ज किया गया। विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक हवा की दिशा में बदलाव की संभावना नहीं है। अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार चार से छह किलोमीटर प्रतिघंटा रहने के साथ मिक्सिंग हाइट का स्तर 1100 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 1300 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहने का पूर्वानुमान है। वहीं, सोमवार को हवा की रफ्तार छह से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा व मिक्सिंग हाइट 1050 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 1700 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड दर्ज किया जा सकता है।

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