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डी राजा बने सीपीआई के पहले दलित महासचिव, सुधाकर रेड्डी ने दिया था इस्तीफा

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के राज्यसभा सदस्य डी राजा को पार्टी का महासचिव बनाया गया है।...
डी राजा बने सीपीआई के पहले दलित महासचिव, सुधाकर रेड्डी ने दिया था इस्तीफा

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के राज्यसभा सदस्य डी राजा को पार्टी का महासचिव बनाया गया है। उन्होंने निवर्तमान महासचिव एस सुधाकर रेड्डी का स्थान लिया है। उनके महासचिव बनने की पुष्टि खुद एस सुधाकर रेड्डी ने की है। वह सीपीआई के पहले ऐसे महासचिव होंगे, जो दलित समुदाय से आते हैं।

एस सुधाकर रेड्डी ने बताया कि राज्यसभा सदस्य डी राजा को सीपीआई का महासचिव चुना गया है। शनिवार को ही डी राजा के महासचिव बनने की पुष्टि हो गई थी। राष्ट्रीय परिषद ने बैठक में पहले ही डी राजा को महासचिव बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद ऐलान की औपचारिकता भर रह गई थी।

सुधाकर रेड्डी ने दिया इस्तीफा

हाल ही में हुए 2019 लोकसभा चुनाव में सीपीआई को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद पार्टी के महासचिव रेड्डी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे की वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि स्वास्थ्य कारणों ने इस्तीफे दे रहा हूं।

सीपीआई के एक नेता ने बताया कि 18 से 20 जुलाई तक आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लोकसभा चुनाव परिणाम की राज्यवार समीक्षा की गई। इसी दौरान नए महासचिव के चुनाव के मुख्य एजेंडे पर भी बात हुई।

उन्होंने पार्टी की कार्यकारिणी द्वारा रेड्डी का इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से उन्हें पार्टी के दायित्वों से सेवानिवृत्ति दी गई है।

डी राजा का राजनीतिक सफर

1967-68 में वे सीपीआई के छात्र संगठन एआईएसएफ से जुड़े. 1973 में एक साल के लिए पार्टी की जिला इकाई ने उन्हें पढने के लिए मास्को भेजा और वहां से लौटकर 1974 से वे पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए।

राजा को पार्टी ने युवाओं को संगठित करने की जिम्मेवारी दी और 1976 में उन्हें आल इण्डिया यूथ फेडरेशन की राज्य इकाई का सचिव चुना गया। वे युवा नेता के रूप में उभरते गए। डी राजा 2006 में तमिलनाडु से सीपीआई के राज्यसभा सांसद बने। तब से अभी तक वे राज्य सभा सांसद हैं। 24 जुलाई को राज्यसभा में उनके कार्यकाल का आखिरी दिन है।

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