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याकूब मेनन से लेकर कर्नाटक मामले तक कब-कब रात को लगी अदालत

कर्नाटक मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में रातभर सुनवाई हुई लेकिन यह कोई पहला मामला नहीं...
याकूब मेनन से लेकर कर्नाटक मामले तक कब-कब रात को लगी अदालत

कर्नाटक मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में रातभर सुनवाई हुई लेकिन यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले वर्ष 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने आधी रात को सुनवाई की थी। इसके अलावा भी कई मामलों में रात को अदालत लगानी पड़ी है। 

ताजा मामला कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को शपथ लेने से रोकने का था जिस पर कांग्रेस और जेडीएस को कोई राहत नहीं मिल पाई। इस मामले में बुधवार रात एक बजे चीफ जस्टिस ने तीन जजों की बेंच गठित की और सवा दो बजे सुनवाई शुरू हुई। सुबह करीब साढे़ पांच बजे तक चली सुनवाई में कांग्रेस की शपथ रोकने की मांग को ठुकरा दिया गया।

इससे पहले 29 जुलाई 2015 को 3.20 बजे 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगाने की अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट खुला था। प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याकूब की फांसी रुकवाने को अर्जी दी थी। करीब तीन घंटे सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। यह सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने की थी।

07 सितंबर, 2015 को फांसी के तख्ते पर पहुंचने के कुछ घंटे पहले ही निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट से जीवनदान मिला। सुप्रीम कोर्ट ने रात एक बजकर 40 मिनट पर फांसी के फैसले पर अमल एक सप्ताह के लिए टाल दिया। जस्टिस एच एल दत्तू और जस्टिस अनिल आर दवे की पीठ ने कोली की याचिका पर विशेष सुनवाई की थी।

02 फरवरी, 2017 को छत्तीसगढ़ की एक अदालत में नाबालिग आदिवासी लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में धकेलने और दुष्कर्म के मामले की सुनवाई रात भर चली। विशेष अदालत ने सुबह 212 पन्ने का फैसला सुनाया। सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास, एक को 14 साल और एक को 10 साल की सजा सुनाई गई।

05 मई, 2018 को मुंबई हाईकोर्ट के जस्टिस एस जे कथावाला ने गर्मी की छुट्टी से पहले लंबित मुकदमे निपटाने के लिए सुबह साढ़े तीन बजे तक लगातार सुनवाई करके इतिहास रचा। पहले भी वह अपने चेंबर में देर रात तक मामलों की सुनवाई कर चुके हैं।

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