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1996 सोनीपत बम धमाकों के दोषी अब्दुल करीम टुंडा को उम्रकैद की सजा

1996 में हरियाण के सोनीपत में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी अब्दुल करीम टुंडा को सोनीपत की अदालत ने...
1996 सोनीपत बम धमाकों के दोषी अब्दुल करीम टुंडा को उम्रकैद की सजा

1996 में हरियाण के सोनीपत में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी अब्दुल करीम टुंडा को सोनीपत की अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने टुंडा को आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 120बी (साजिश) के तहत दोषी पाते हुए सजा का ऐलान किया है।

इसके साथ ही, उसको एक्सप्लोसिव एक्ट के सेक्शन 3 के तहत भी दोषी पाया गया है। अदालत ने टुंडा से प्रत्येक धारा के लिए 50,000 रुपये का भुगतान करने को भी कहा है।

अदालत ने सोमवार को सोनीपत बम विस्फोट मामले में 75 वर्षीय टुंडा को दोषी ठहराया था। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सुशिल कुमार गर्ग की अदालत ने इन धाराओं के तहत टुंडा को सजा सुनाई। 28 दिसंबर 1996 को सोनीपत में हुए दोहरे बम धमाकों में करीब 15 लोग घायल हुए थे। पहला बम धमाका सिनेमा हॉल के पास और एक मिठाई की दुकान के पास हुआ।

इस साल, सितंबर माह में अदालत में अपने बयान दर्ज कराते हुए, वर्तमान में सोनीपत की जेल में बंद टुंडा ने दावा किया था कि वह सोनीपत बम धमाकों के दौरान पाकिस्तान में था।

वकील ने कहा कि 1996 में हुई इस घटना के दौरान घायल हुए लोगों सहित 43 गवाहों ने जांच के दौरान अपनी गवाही दर्ज कराई है। यूपी के गाजियाबाद जिले के पिलखुआ का रहने वाला टुंडा को भारत-नेपाल सीमा से 16 अगस्त 2013 को बनबासा में गिरफ्तार किया गया था। टुंडा पर देशभर में कई बम विस्फोटों के मामलों में शामिल होने का संदेह था, जिनमें से कुछ अभी भी लंबित हैं।

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