विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन कुरैशी को दिल्ली हाइकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत दे दी। स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने आज कुरैशी को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस माह की शुरुआत में कुरैशी को जमानत देने का यह कहते हुए विरोध किया था कि वह छूटने के बाद चल रही जांच को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी के विशेष वकील एनके मट्टा ने जमानत का यह कहते हुए विरोध किया कि कुरैशी पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं। अगर उसे जमानत दी जाती है तो यह आशंका है कि वह भाग जाए।
दूसरी ओर, आरोपी ने जमानत के लिए कोर्ट में दलील दी कि उसे जेल में रखने का कोई फायदा नहीं है। मामले की जांच पूरी हो चुकी है ईडी को उसकी जरूरत नहीं है। ईडी पहले कोर्ट में दावा कर चुका है कि गवाहों ने अपने बयान में इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने कुरैशी और उसके सहयोगियों को उसके कर्मचारियों के माध्यम से करोड़ों रुपये दे चुके हैं।
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि कुरैशी दिल्ली के तुर्कमान गेट निवासी हवाला कारोबारी परवेज अली और ग्रेटर कैलाश-1 के साउथ दिल्ली मनी चेंजर (दामिनी) से मिलकर हवाला लेन-देन में लिप्त रहा है। कुरैशी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उसपर जांच में सहयोग नहीं करने का भी आरोप है।