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उन्माद और लूटतंत्र के खिलाफ हमारा हाथ : राज बब्बर

कांग्रेस से उत्तर प्रदेश की कमान 64 वर्षीय मंजे हुए राजनेता और पांच बार फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुके अभिनेता राज बब्बर को सौंपकर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पसंद पर मुहर लगा दी है। सांप्रदायिक उन्माद से टकराने के लिए अपने तीखे तेवर के लिए जाने वाले राज बब्बर अपने पुराने फॉर्म में दिखाई दे रहे हैं, भाजपा अध्यक्ष को तड़ीपार, जिलाबदर, प्रदेश को जलाने वाले के तौर पर चिन्हित करते हैं।
उन्माद और लूटतंत्र के खिलाफ हमारा हाथ : राज बब्बर

अपने प्रदेश को जलाने-बांटने और लूटने वालों के खिलाफ एक मुक्कमल लड़ाई चलाने, प्रदेश में सरकार बनाने का उनका दावा कितना जमीन पर असर करेगा और कांग्रेस का हाथ कितना मजबूत होगा, इसे परखने में अभी समय है, लेकिन यह तो है ही कि अब कांग्रेस के पास प्रदेश में एक ऐसा चेहरा है, जिसे लोग पहचानते हैं। आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह ने राज बब्बर से बातचीत की  पेश हैं अंश

 

उत्तर प्रदेश में एक बड़ी जिम्मेदारी आपको सौंपी गई है। इस चुनौती के साथ आप कैसे इंसाफ करेंगे

यह सही है कि ये जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने मुझे पर भरोसा जताया है। मैं इसे चुनौती के तौर पर नहीं मिशन के तौर पर देखता हूं। मैं इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि जिस तरह से मेरे नेतृत्व ने एक  टीम के साथ प्रदेश के लोगों के बीच भेजा है, हम सब मिलकर उसे सफल बनाएंगे। आप चिंता न करें कांग्रेस उत्तर प्रदेश वासियों से नहीं बल्कि उनके भविष्य के लिए लड़ेगी, हमने अंग्रेजों से लड़ा है, देश को आजाद कराया है। अब हम देश को संवारने के मिशन पर निकले हैं।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के भीतर जो धड़े हैं,  उन्हें कैसे साथ लेकर चलेंगे ?

मुझे ऐसा नहीं लगता कि अलग-अलग धड़े हैं। मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं। मुझे तमाम वरिष्ठ लोगों का प्यार मिला है, सम्मान मिला है। कांग्रेस एक  ही होकर चुनाव लड़ेगी।

उत्तर प्रदेश में भाजपा राम मंदिर से लेकर कैराना तक के मुद्दे उछालकर सांप्रदायिक कार्ड खेल रही हैं, कैसे निपटेंगे ?

यह सब प्रपंच है, चुनाव के समय बिछाने वाले जाल। उत्तर प्रदेश का जो खस्ता हालत है, लूटतंत्र का बोलबाला है। दूसरी तरफ उन्माद की राजनीति है। लूटतंत्र में जात बिरादरी, धर्म मजहब के नाम पर उत्तर प्रदेश को बांटने की कोशिश की गई है।

प्रदेश का हाल बिगड़ रहा है....

सही है। जो पार्टी लोगों को अधिकार देने के नाम पर खड़ी थी, वहां भी लोग कसमसा रहे हैं। अपने आप को असहाय मान रहे हैं। पार्टी छोड़ रहे हैं। जो सरकार चल रही है, उसके मुखिया कैमरे के सामने आकर खुद बोलते हैं कि मैं इस लूट को नहीं रोक  पा रहा हूं। ऐसी असमर्थ सरकार है, जो लूट नहीं रोक पा रही, दूसरी तरफ वह पार्टी जो तमाम छोटे वर्गों और तबकों को अधिकार देने के लिए  बनी थी, उन्हीं की पार्टी के अंदर सवाल उठने शुरू हो गए हैं, लोग छोड़ रहे हैं। वहीं एक और पार्टी है जिसे यह भरोसा है कि हम उत्तर प्रदेश को जलाकर जीत हासिल करेंगे, समाज को बांटकर जीत हासिल करेंगे। एक  तड़ीपार, जिलाबदर जो इस पार्टी का मुखिया है, वह उत्तर प्रदेश में घूम-घूम कर ऐसे चेहरे तैयार कर रहा है, दो-चार बना चुका है और बाकी तैयार कर रहा है, जो उत्तर प्रदेश को जलाने का काम करें। यकीन मानिए हम समाज को साथ लेकर विश्वास की लड़ाई लडऩे जा रहे हैं। ऐसे भरोसे को लेकर जा रहे हैं जहां कांग्रेस का मिशन उत्तर प्रदेश के उस आदमी की ताकत बनने जा रहे हैं, जो कतार में सबसे पीछे खड़ा है।

प्रियंका गांधी अगर प्रचार करेंगी तो क्या इससे फायदा होगा, अभी भी इसे लेकर भ्रम बना हुआ है ?

प्रियंका गांधी की भूमिका को  लेकर कोई शक--शुबहा नहीं होना चाहिए। वह ऐसे परिवार से हैं जिसने देश की एकता-अखंड़ता के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी है, उनकी भूमिका को लेकर कोई सवाल नहीं होना चाहिए।

आप समाजवादी पार्टी में रहे हैं, आपकी मुलायम सिंह से बहुत दोस्ती थी, अब कैसे लड़ेंगे ?

मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है। मुलायम सिंह यादव जी मेरे वरिष्ठ हैं और मैं उनका आज भी हृदय से सम्मान करता हूं। उन्माद और लूटतंत्र की राजनीति के खिलाफ हम लडऩे जा रहे हैं।

क्या बसपा से कांग्रेस हाथ मिलाएगी ?

कांग्रेस पार्टी चुनाव लडऩे नहीं जा रही है, कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति को मजबूत करने वाली सरकार देने जा रही है। हम उत्तर प्रदेश की जनता के बल पर वहां सरकार देने जा रहे है। वहां एक सही सरकार देने की कोशिश है।

 


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