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गणतंत्र दिवस पर अंतरिक्ष, आकाश और जमीनी मारक क्षमता का प्रदर्शन

71वें गणतंत्र दिवस पर भारत ने आकाश, अंतरिक्ष और जमीन पर अपनी मारक क्षमता का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है।...
गणतंत्र दिवस पर अंतरिक्ष, आकाश और जमीनी मारक क्षमता का प्रदर्शन

71वें गणतंत्र दिवस पर भारत ने आकाश, अंतरिक्ष और जमीन पर अपनी मारक क्षमता का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। इस मौके पर पहली बार कई सैन्य प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया जिससे सशक्त भारत की झांकी दिखाई देती है।
चिनूक और अपाचे ने दिखाई ताकत
पहली बार हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनूक और युद्धक हेलीकॉप्टर अपाचे ने भी फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया। इन दोनों किस्मों के हेलीकॉप्टरों को हाल में ही भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया है। चिनूक दुर्गम क्षेत्रों में तमाम तरह के वजनी सामान को ले जाने में सक्षम है। इससे सामान और उपकरणों को इधर-उधर ले जाने के लिए वायु सेना की ताकत में खासा इजाफा हुआ है। दूसरी ओर, अपाचे हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइलें और रॉकेट दागने में सक्षम युद्धक हेलीकॉप्टर है। इसके अगले हिस्से में लगी गन से भारी गोलीबारी करना भी संभव है। इससे दुश्मन के खिलाफ भारतीय सशस्त्र सेनाओं की ताकत में भारी इजाफा हुआ है।
एंटी-सैटेलाइट वैपन सिस्टम
डिफेंस रिसर्च डवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) वैपन सिस्टम का प्रदर्शन किया। किसी भी देश की आर्थिक और सैन्य सक्षमता के लिए अहम बन चुके अंतरिक्ष में ए-सैट भारत के लिए आवश्यक रणनीतिक क्षमता प्रदान करता है।
डीआरडीओ की धनुष गन का प्रदर्शन
परेड में पहली बार धनुष गन सिस्टम का भी प्रदर्शन किया गया। इसकी अगुआई कैप्टन मृगांक भारद्वाज ने की। 155 एमएम की धनुष गन होवित्जर तोप की डिजाइन पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री द्वारा देश में तैयार की गई है। 36.5 किलोमीटर की अधिकतम रेंज वाली इस गन में ऑटोमेटिक एलाइनमेंट और पोजिशनिंग है।
राज्यों ने झांकियों से दिखाई विविधता
इस साल गणतंत्र दिवस पर राज्यों की झांकियों में खासी विविधता देखने को मिली है। गोवा ने मेढक को बचाओ अभियान को केंद्रित करके झांकी का प्रदर्शन किया जबकि राजस्थान ने यूनेस्को की सूची में शामिल पुरातात्विक इमारतों को केंद्रित करके झांकी पेश की। गुजरात ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर विशेष झांकी प्रदर्शित की। केंद्र शासित राज्य बनने के बाद पहली बार परेड हिस्सा लेने वाले जम्मू कश्मीर ने विस्थापित कश्मीर पंडितों की गांव में वापसी की थीम पर झांकी प्रदर्शित की। परेड में कुल 22 झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इनमें से 16 झांकियां विभिन्न राज्यों की थीं जबकि छह झांकियां केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल ने प्रदर्शित कीं।

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