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ग्रेटर नोएडा में बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, साथ में आएंगे रोजगार के ढेर सारे अवसर

केंद्र सरकार ने आज ग्रेटर नोएडा के जेवर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसे 2024 तक पूरा करने की योजना है।
ग्रेटर नोएडा में बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, साथ में आएंगे रोजगार के ढेर सारे अवसर

नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज  प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ग्रेटर नोएडा के जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 3000 हेक्टेयर भूमि को अधिसूचित किया है। अशोक गजपति राजू ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली में वर्ष 2020 तक 9 लाख यात्रियों की और साल 2024 तक 109 लाख यात्रियों की उम्मीद है।

We have granted in-principle approval for a greenfield airport at Jewar (Greater Noida) to cater to the growing flying requirements of NCR.

— Ashok Gajapathi Raju (@Ashok_Gajapathi) 24 June 2017

 उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने ट्विट कर कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अगले 10-15 वर्षों में प्रति वर्ष 30 से 50 लाख यात्रियों की आवश्यकताओं का ध्यान रखेगा। इससे दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भीड़ को कम करने में भी मदद मिलेगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हवाई अड्डे के लिये करीब 3000 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। यहां देश का पहला एयर कार्गो हब भी बनाया जाएगा। इस एयरपोर्ट के बन जाने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों का आर्थिक विकास तेजी से होगा। इससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने और रोजगार के अवसर बढने की उम्मीद है। 
इस हवाई अडडे के निर्माण में 15 से 20 हजार करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथारिटी (येडा) ने इसके लिये तीन हजार एकड़ जमीन चिन्हित कर ली है।
उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शनिवार को संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से बात की और जेवर हवाई अड्डे के काम को आगे बढ़ाया है। गौरतलब है कि 2003 में जेवर में एयरपोर्ट बनाने की बात तय हुई थी।

नंदी ने बताया कि पहले चरण में करीब 1000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण यमुना एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथारिटी करेगी। इस पर करीब 2000 करोड. रूपये खर्च होंगे। येडा एनसीआर क्षेत्र से पश्चिमी जिलों को सडक, रेल और मेट्रो से जोड़ने का काम करेंगी। स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने बताया कि अभी दिल्ली के हवाई अड्डे पर प्रतिवर्ष करीब छह करोड़ यात्री आते-जाते हैं और यह संख्या हर साल बढती ही जा रही है। इसे देखते हुए दिल्ली के नजदीक एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जरूरत है। इसी लिये केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार इस जेवर हवाई अडडे को जल्द से जल्द बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट के बन जाने से इस क्षेत्र में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा।

The area notified for Noida Airport is 3000 ha; 1st phase will be developed for 1000 ha. We expect Rs 15-20 thousand crores of investment.

— Ashok Gajapathi Raju (@Ashok_Gajapathi) 24 June 2017

साथ ही, उत्तर प्रदेश के मंत्री एस एन सिंह ने कहा केंद्र सरकार को इस तोहफे के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट भारत का कार्गो हब होगा। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ट्रैफिक को नियंत्रित करेगा और उनकी जरूरतें पूरी करेगा। उन्होंने ट्विट कर कहा, नोएडा को मिलेगा अपना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली और एनसीआर में पर्यटन परियोजनाएं के साथ रोजगार भी।

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