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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का ऐलान

बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने सोमवार को अहम...
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का ऐलान

बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसले में एनजीओ मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है। इन सभी को शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया है। इन सभी की सजा का ऐलान 28 जनवरी को किया जाएगा। इसके अलावा अदालत ने एक आरोपी मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को 1045 पन्नों के अपने आदेश में दोषी ठहराया है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था।

पिछली सुनवाई को टालते हुए कोर्ट ने तय की थी आज की तारीख

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने फैसले को टालते हुए 20 जनवरी की तारीख तय की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

शेल्टर होम केस में मुख्य आरोपित समेत सभी जेल में बंद है, जिन्होंने सोमवार को होने वाले  फैसले के दिन कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआइ ने अपनी चार्जशीट में आरोपितों पर दुष्कर्म और बाल यौन शोषण रोकथाम अधिनियम की धारा-6 के तहत भी आरोल लगाए हैं, ऐसे में कोर्ट इस धारा के मद्देनजर सख्त फैसला सुना सकता है।

यह है पूरा मामला

सीबीआइ की चार्जशीट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ कर्मचारी भी गलत काम कर रहे थे। इतना ही वहीं, यह भी आरोप है कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी बच्चियों के साथ गलत काम में संलिप्त थे।

34 बच्चों के साथ दुष्कर्म

मामला सामने आने पर मेडिकल टेस्ट में तकरीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें नशीला दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया जाता था।

सामाजिक कल्याण विभाग के अफसर भी थे शामिल

केस में सीबीआइ की चार्जशीट के मुताबिक मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड कर्मचारी भी शामिल थे। वे भी मासूम बच्चियों को दरिंदगी का शिकार बना रहे थे। यह भी आरोप है कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी बच्चियों के साथ गलत काम में संलिप्त थे।

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