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मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्णा अस्पताल के पीछे मिले मानव कंकाल के अवशेष, पुलिस ने शुरू की जांच

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत की तादाद बढ़ती जा रही है। इसके...
मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्णा अस्पताल के पीछे मिले मानव कंकाल के अवशेष, पुलिस ने शुरू की जांच

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत की तादाद बढ़ती जा रही है। इसके लिए चर्चा में बने मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) एक और वजह से चर्चा में आ गया है। इस अस्पताल के पीछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है। अस्पताल के पिछले हिस्से में बने जंगल में नर कंकाल के अवशेष मिले हैं। मौके पर पुलिस की टीम मौजूद है।

SKMCH के एक जांच दल ने पुलिस के साथ मानव कंकाल मिलने वाली जगह का मुआयना किया। बिहार स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि यहां लावारिस शव जलाए गए हैं। अहियापुर के एसएचओ सोना प्रसाद सिंह ने कहा, 'जांच के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा कि लावारिस शव यहां कैसे जलाए गए।'

डॉ. विपिन कुमार ने कहा, 'कंकाल के अवशेष यहां मिले हैं। मामले की विस्तृत जानकारी प्रिसिंपल द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।' अस्पताल के केयरटेकर जनक पासवान ने बताया, 'पोस्टमॉर्टम के बाद (लावारिस) शव अस्पताल के पीछे स्थित जंगल में फेंके जाते हैं। मैंने कभी इन कंकालों के बारे में अथॉरिटी से पूछने की कोशिश नहीं की।'

72 घंटे तक पोस्टमॉर्टम रूम में रखना होता है शव

अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार शाही ने कहा, 'पोस्टमॉर्टम विभाग शवों की देख-रेख करता है। अगर खुले में कंकाल और शव मिले हैं तो यह वाकई अमानवीय है। हम विभागाध्यक्ष से इस पर जांच बिठाने के लिए कहेंगे।' नियमानुसार, जब अस्पताल को कोई शव मिलता है, तो नजदीक के पुलिस स्टेशन से तुरंत संपर्क करना होता है और इस संबंध में एक रिपोर्ट फाइल करनी होती है। रिपोर्ट फाइल होने के बाद 72 घंटे बाद तक शव को पोस्टमॉर्टम रूम में ही रखना होता है।

पोस्टमॉर्टम विभाग के जिम्मे होता है दाह संस्कार

इस दौरान अगर परिवार का कोई सदस्य शव की पहचान के लिए नहीं आता है तो पोस्टमॉर्टम विभाग की ड्यूटी है कि इसका दाह संस्कार किया जाए या फिर दफनाया जाए। तस्वीरें जो सामने आ रही हैं, उसमें मानव कंकाल के साथ ही अस्पताल के पिछले हिस्से में कुछ कपड़े भी दिख रहे हैं।

हरिवंशपुर गांव में बुखार से सबसे ज्यादा मौतें

जानलेवा बुखार के चलते सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही 128 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसमें SKMCH में 108 और केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चे जान गंवा चुके हैं। चमकी बुखार के कारण बिहार में शुक्रवार को और 5 बच्चों की मौत हो गई। बिहार के वैशाली जिले स्थित हरिवंशपुर गांव में इन्सेफलाइटिस के चलते सबसे ज्यादा 11 बच्चों की मौत हो गई। यहां एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत दो दिन में हो गई।

कन्हैया कुमार पहुंचे मुजफ्फरपुर

अपने बच्चों के लिए डरे हुए लोग उन्हें दूसरे गांव में रह रहे रिश्तेदारों के यहां भेज रहे हैं, यह सोचकर कि यहां की हवा या पानी में ऐसा कुछ है जो उन्हें बीमार बना रहा है। इन दिनों एसकेएमसीएच में नेताओं और सिलेब्रिटी का आना-जाना लगा हुआ है। शनिवार को सीपीआई नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पीड़ित बच्चों का हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे।

सरकार के साथ विपक्ष भी घेरे में

बिहार में चमकी बुखार से हुई मौतों पर नीतीश सरकार के साथ अब विपक्ष भी घिरता जा रहा है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अब तक मुजफ्फरपुर नहीं गए और न ही उन्होंने मामले में अभी तक कुछ कहा है। तेजस्वी की चुप्पी पर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों आरजेडी के ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने बयान दिया था कि उन्हें नहीं पता कि तेजस्वी कहां हैं? उन्होंने कहा था कि शायद वह वर्ल्ड कप देखने गए हैं।

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