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पश्चिम बंगाल से पहले इन राज्यों में भी हुई डॉक्टरों के साथ हिंसा, की गई थी हड़ताल

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट के मामले के बाद पूरे देश में डॉक्टरों में आक्रोश का माहौल है। 10 जून...
पश्चिम बंगाल से पहले इन राज्यों में भी हुई डॉक्टरों के साथ हिंसा, की गई थी हड़ताल

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट के मामले के बाद पूरे देश में डॉक्टरों में आक्रोश का माहौल है। 10 जून को पश्चिम बंगाल में कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। यहां हमले में दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे और कई अन्य डॉक्टरों को भी चोट आई थी, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे।

गृह मंत्री अमित शाह ने ममता सरकार के एडवायजरी जारी कर मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है। केंद्र ने ममता सरकार से पूछा है कि आखिर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने के लिए उन्होंने अब तक क्या किया। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि डॉक्टरों पर हमले करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

यह पहली बार नहीं है जब डॉक्टरों पर इस तरह हमला हुआ हो। इससे पहले भी कई राज्यों में डॉक्टरों पर हमले होते रहे हैं। इसके लिए कई हड़ताल हो चुकी हैं और कानून बनाने की मांग हो चुकी है जो कि आज भी जारी है।आइए, ऐसे ही कुछ मामलों पर नजर डालते हैं, जहां डॉक्टरों के साथ बदसलूकी हुई। साथ ही कई ऐसे राज्य हैं, जहां बड़े पैमाने पर डॉक्टरों ने इस तरह की घटनाओं के विरोध में हड़ताल की।

बेंगलुरु, कर्नाटक

2017 में उत्तर कन्नडा से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगडे और उनके सहयोगी पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2 जनवरी को कथित तौर पर उनकी मां का ठीक से इलाज ना करने को लेकर सिरसी के प्राइवेट टीएसएस अस्पताल के तीन डॉक्टरों को पीटा। मामले में डॉक्टरों ने शिकायत दर्ज कराने से भी मना कर दिया था लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामला दर्ज किया था। हेगडे को मामले में हिरासत में लिया गया था लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी। 

कर्नाटक के ही मंगलुरु में 2018 में डॉक्टरों पर हमले को लेकर छह लोगों- शरण, बृजेश, अनंतप्रसाद, अविनाश, पिंटो, हरीश और महेश को हिरासत में लिया गया था।

धुले, महाराष्ट्र

12 मार्च, 2017 को यहां के सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर रोहन महामुनकर पर हमला हुआ। रात को 10.30 बजे इमरजेंसी वार्ड में कोई नहीं था। डॉक्टर ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए चैतराम लश्कर को दूसरे हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। इससे गुस्साए कई लोगों ने उन पर धावा बोल दिया, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं। उनकी बायीं आंख को नुकसान हुआ और स्कल बोन फ्रैक्टर हो गई। सड़क दुर्घटना में घायल हुए चैतराम लश्कर को धुले के तीन अस्पतालों में ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं सका। 

इस घटना के बाद सरकारी अस्पतालों के 4,500 रेजिडेंट डॉक्टर छुट्टी पर चले गए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से जुड़े 40,000 डॉक्टर भी छुट्टी पर चले गए। महाराष्ट्र में इस साल डॉक्टरों पर हमले के आठ केस दर्ज हुए।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने लश्कर के परिवार से 9 लोगों गिरफ्तार किया था। इनमें से एक ने जेल में सुसाइड कर लिया था। बाकी के आरोपी तीन महीने तक जेल में रहे। इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई। मुकदमा अभी भी चल रहा है।

अहमदाबाद, गुजरात

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 2018 में डॉक्टरों पर हमला हुआ था। गंभीर हालत में लाए गए एक मरीज की मौत के बाद रिश्तेदारों ने ऑपरेशन थियेटर में घुसकर डॉक्टरों पर हमला किया।

इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। मामले में 4-5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में आरोपियों ने घटना पर खेद जताया था, जिसके बाद केस वापस ले लिया गया था।

जयपुर, राजस्थान

इसी साल 2019 के मार्च में एचबी कनवाटिया हॉस्पिटल में 80 साल के एक मरीज के रिश्तेदारों ने महिला डॉक्टर पर हमला कर दिया। डॉक्टर ने मरीज को सवाई मान सिंह हॉस्पिटल रेफर कर दिया था लेकिन रिश्तेदारों का कहना था कि ऐसा करने में डॉक्टर ने देर की। मामले में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था।

पटना, बिहार

यहां पटना मेडिकल कॉलेज में प्रियंजन कुमार नाम के जूनियर डॉक्टर पर मरीज के रिश्तेदार ने हमला कर दिया था। डॉक्टर ने बेड खाली करने के लिए कहा था। हमले में कुमार के दाहिने हाथ और गले में फ्रैक्चर हो गया था। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने डॉक्टरों की सुरक्षा का भरोस दिलाया था लेकिन अब तक सरकारी अस्पतालों में बगैर हथियारों के प्राइवेट गार्ड्स को ही तैनात किया गया है।

हैदराबाद, तेलंगाना

28 दिसंबर, 2018 को हिमायतनगर में डॉक्टर माइकल अरान्हा पर गंभीर हमला किया गया। उनके सिर और सीने में गंभीर चोट आईं। पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। यह मुकदमा अभी लंबित है। पुलिस के मुताबिक, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि आरोपी की पत्नी अपने तय क्रम से पहले इलाज करवाना चाहती थी।

25 दिसंबर को लकड़ी का पुल इलाके के ग्लोबल हॉस्पिटल में एक महिला की मौत के बाद चार लोगों ने उत्पात मचाया। उन्होंने सिक्योरिटी मैनेजर और दो पुलिसवालों पर भी हमला किया। बाद में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं। मामले में अभी चार्जशीट भी दाखिल नहीं हुई है।

फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक डॉक्टर को मरीज के एक रिश्तेदार ने इसलिए पीट दिया क्योंकि उन्हें जूतों के साथ ऑपरेशन थियेटर में आने से मना कर दिया गया था। जिस लड़की का ऑपरेशन हो रहा था उसके दूर के रिश्तेदार अनिल कुमार सिंह से ऑपरेशन के लिए 400 रुपए जमा करने को कहा गया, जिस पर वह भड़क गया और ऑपरेशन थियेटर के अंदर घुस गया। ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर गौरव मिश्रा ने उससे बाहर जाने को कहा। जब डॉक्टर बाहर आए तो अनिल ने उन्हें गालियां देनी और पीटना शुरू कर दिया।

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