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सुरंग खोदकर बैंक में चोरी, लॉकर तोड़कर नकदी और जेवरात लेकर फरार

महाराष्ट्र के नवी मुंबई की एक बैंक में चोर पचास फीट की सुरंग खोदकर घुसे। लॉकरों और तिजोरी में रखी नकदी...
सुरंग खोदकर बैंक में चोरी, लॉकर तोड़कर नकदी और जेवरात लेकर फरार

महाराष्ट्र के नवी मुंबई की एक बैंक में चोर पचास फीट की सुरंग खोदकर घुसे। लॉकरों और तिजोरी में रखी नकदी और जेवरात लेकर फरार हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाकया बैंक ऑफ बड़ौदा की जुईनगर ब्रांच का है। इसका पता सोमवार को चला। पुलिस के मुताबिक सुबह बैंक के कर्मचारी पहुंचे, तो उन्हें लॉकर और तिजोरी के ताले टूटे हुए मिले। चोरों ने शनिवार-रविवार की छुट्टी के दौरान वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि चोर पास की एक किराना दुकान से बैंक तक सुरंग खोदकर घुसे थे। किराना दुकान हाल में किराए पर ली गई थी। 50 फीट की सुरंग प्राइवेट लॉकर रूम तक खोदी गई थी। हालांकि, चोर बैंक के मेन सेफ वॉल्ट को नहीं खोल पाए थे। बैंक अधिकारी चोरी का ब्योरा जुटा रहे हैं।

पुलिस फिलहाल बैंक में और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के सहारे आरोपियों की पहचान की कोशिश कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि चोरी की वारदात अंजाम देने की प्लानिंग पहले बनाई गई होगी। जितनी बड़ी सुरंग खोदी गई है, उसके लिए भी काफी वक्त लगा होगा।

ऐसे केस में बैंक के ग्राहकों के लिए चोरी गया सामान वापस पाना आसान नहीं होता है। उन्‍हें कोर्ट में यह साबित करना होता कि लॉकर में क्या रखा था। बैंक के नियमों मुताबिक, बैंक सिर्फ लॉकर किराए पर देता है। इसके अंदर क्या रखा गया है, क्या नहीं यह सिर्फ ग्राहक को पता होता है। बैंक कोई क्लेम देने को बाध्य नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोर्ट के मार्फत क्लेम पाने के लिए पहले शपथ पत्र देकर लॉकर में क्या था यह साबित करना होगा। इसके बाद कोर्ट में सुनवाई चलेगी। यदि ग्राहक के तथ्यों से कोर्ट संतुष्ट हुआ तो बैंक को भुगतान का आदेश दिया जाता है।

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