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पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, चीन के भी 43 सैनिक हताहत

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सोमवार रात पूर्वी लद्दाख में गैलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक...
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, चीन के भी 43 सैनिक हताहत

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सोमवार रात पूर्वी लद्दाख में गैलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को दोपहर में एक कर्नल और दो जवानों के शहीद होने की खबर सामने आई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में 20 सैनिक शहीद हुए हैं। हताहतों की संख्या बढ़ भी सकती है। हिंसक टकराव होने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीनी सेना के 43 जवानों की मौत हुई है या घायल हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि शहीद हुए भारतीय सैनिकों में एक कर्नल भी शामिल है। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तनाव को कम करने के लिए गैलवान घाटी में एक बैठक कर रहे हैं।

इससे पहले मंगलवार को दोपहर में भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया कि गैलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए।

रक्षा मंत्री के घर फिर हुई समीक्षा बैठक

घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ बैठक की। एक दिन में यह दूसरी समीक्षा बैठक थी। बैठक में थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे और  विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। बैठक के बाद रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। वहीं, विदेश मंत्री ने पीएम से मुलाकात की।

माना जाता है कि चीन से लगी सीमा पर 45 साल में पहली बार इस तरह की घटना हुई है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में किए गए हमले में चार भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। 

वरिष्ठ अधिकारी तनाव घटाने को वार्ता कर रहे

पैगोंग त्सो के निकट हिंसक झड़प होने के बाद पांच मई से दोनों ओर की सेनाएं बातचीत कर रही हैं। भारत द्वारा पैगोंग त्सो के निकट फिंगर एरिया में रणनीतिक रूप से अहमियत रखने वाली एक सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में धारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक अन्य सड़क के निर्माण का चीन कड़ा विरोध कर रहा है। इसी वजह से हाल में तनाव की स्थिति पैदा हुई। भारत के लिए फिंगर एरिया गश्त करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने सीमा क्षेत्र में चीन के विरोध के चलते किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को न रोकने का फैसला किया है।

पांच मई को हुआ था हिंसक टकराव 

पिछले सप्ताह चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि भारत और चीन बेहतर तरीके से स्थिति को संभाल रहे हैं और राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ताओं के दौरान बनी सहमति के अनुसार कदम उठाकर तनाव घटाने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सैन्य कमांडर स्तर की उपयोगी बातचीत के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह टिप्पणी की थी। पिछले पांच और छह मई को भारत और चीन के 250 सैनिकों के बीच हिंसक टकराव होने के बाद दोनों पक्ष एक-दूसरे के सामने डटे हैं।

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