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उन्नाव पीड़िता को लेकर फूटा गुस्सा, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राजघाट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की शुक्रवार देर रात मौत हो गई है। पीड़िता...
उन्नाव पीड़िता को लेकर फूटा गुस्सा, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राजघाट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की शुक्रवार देर रात मौत हो गई है। पीड़िता ने रात 11 बजकर 40 मिनट पर दम तोड़ा। पीड़िता के 95 फीसदी जलने के बाद उसे उन्नाव से लखनऊ, फिर लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था। उसे बचाने की डॉक्टरों की सभी कोशिशें नाकाम रहीं। पीड़िता की मौत के बाद लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा फूट पड़ा। सपा और कांग्रेस ने लखनऊ में इसे लेकर प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव और मायावती ने राज्य सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने उन्नाव पहुंची थीं।

प्रदर्शनकारियों पर की पानी की बौछार

कांग्रेस पार्टी ने विधान सभा व बीजेपी मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पहले भाजपा मुख्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया। पुलिस के रोकने पर कार्यकर्ता गेट के सामने बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज किया। 

वहीं, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्ली में लोग राजघाट से इंडिया गेट तक प्रदर्शन किया और आरोपियों को फांसी देने की मांग की।महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राजघाट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पानी की बौछार भी की। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड पर चढ़कर गिराने की कोशिश की।

इससे पहले शनिवार को पीड़िता के शव का सफदरजंग अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बाद उनके शव को सड़क मार्ग से एंबुलेस से उन्नाव के लिए रवाना किया गया। 

फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के निधन पर शोक शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। बालिका की मौत अत्यंत दुखद है। उन्होंने परिवार के प्रति भी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी अपराधी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

गुनहगारों को मिले हैदराबाद के आरोपियों जैसी सजा

पीड़िता की मौत के बाद पिता ने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगारों को वही सजा मिले जो हैदराबाद में आरोपियों को मिली थी। उन्होंने कहा, 'आरोपियों की गिरफ्तारी से क्या होगा। यह तो वैसा ही है जैसे जानवरों को जेल में बंद कर दिया गया हो। मेरी मांग तो यह है कि उन्हें फांसी दी जाए या तो एनकाउंटर कर दिया जाए। इसके अलावा मुझे कोई और रास्ता नहीं दिख रहा।'

मौत की सजा ही मिलनी चाहिए और कुछ नहीं- पीड़िता का भाई

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का भाई उसके साथ अस्पताल में ही मौजूद था और अंतिम वक्त में उसके साथ ही रहा। जब बहन की मौत के बारे में उससे मीडिया ने सवाल किया तो उसने कहा कि, 'मेरे पास सच में कुछ कहने को नहीं है। मेरी बहन अब हमारे साथ नहीं है, मेरी सिर्फ एक ही मांग है कि पांचों आरोपियों को मौत की सजा ही मिलनी चाहिए और कुछ नहीं।'

परिवार ने की आरोपियों को फांसी देने की मांग 

पीड़िता के बाद अब परिवार आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा है। पीड़िता के पिता ने कहा, 'आरोपियों का हैदराबाद की तरह एनकाउंटर हो। इन्हें दौड़ा कर गोली मारी जाए या फिर फांसी पर लटका दिया जाए। हमें जान के बदले जान चाहिए। पीड़िता के पिता ने कहा कि मुझे प्रशासन ने बेटी की मौत की खबर नहीं दी। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने हमें भी जान से मारने की धमकी दी है।'

दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिकसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर शलभ कुमार के मुताबिक, रात 8.30 बजे से ही पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी। पीड़िता को बचाने के लिए दवा की डोज बढ़ाई गई, लेकिन रात 11.40 पर दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसने दम तोड़ दिया। वहीं, हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि पीड़िता लगातार अपने भाई से कह रही थी कि आरोपियों को मत छोड़ना।

पीड़िता के चाचा को धमकी

गुरुवार को हैवानियत से पहले मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी ने पीडि़ता के गंगाघाट निवासी चाचा को भी जान से मारने की धमकी दी थी। ऑडियो वायरल होने पर गंगाघाट कोतवाली में डीएम व एसपी ने चाचा से बात की। डीएम ने कहा कि धमकी जैसी बात नहीं है। चाचा के साथ मध्यस्थता का रास्ता निकालने के लिए आरोपित ने एक रिश्तेदार को कहा था। इनकी शुक्रवार को बात होनी थी पर इसके पहले ही घटना हो गई।

आरोपपियों ने पेट्रोल डालकर लगाई थी आग

इससे पहले पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी। जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और रेप के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

पुलिस के मुताबिक पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर आई। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र भेजा, जहां से उसे जिला अस्‍पताल रेफर किया गया। बाद में जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया।

दिसंबर 2018 में अगवा कर किया था गैंगरेप

पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे गैंगरेप किया था। हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी।

पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

उन्नाव की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जलाने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मामले के 5 आरोपियों को शुक्रवार रात अदालत से जेल ले जाया गया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

 

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