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लोकसभा में अमित शाह ने कहा, कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य

लोकसभा में मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य है लेकिन...
लोकसभा में अमित शाह ने कहा, कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य

लोकसभा में मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य है लेकिन कांग्रेस की स्थिति को सामान्य नहीं कर सकते। कांग्रेस को वहां के लोगों से ज्यादा "राजनीतिक गतिविधि" के बारे में ज्यादा चिंता है। राजनैतिक नेताओं की रिहाई पर गृहमंत्री ने कहा कि इस बारे में स्थानीय प्रशासन फैसला करेगा और इसमें केंद्र का कोई दखल नहीं होगा।

चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने भविष्यवाणी की थी कि अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा खत्म होने के बाद रक्तपात हो जाएगा लेकिन , लेकिन वहां एक गोली भी नहीं चली और कोई भी इसकी वजह से नहीं मरा। 

धारा 144 और कर्फ्यू हटा दिया

अमित शाह ने कहा, "99.5 प्रतिशत छात्रों ने कश्मीर में परीक्षा दी। श्रीनगर में 7 लाख लोगों ने ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाया। कर्फ्यू और धारा 144 को हर जगह से हटा दिया गया, लेकिन अधीर रंजन जी के लिए केवल राजनीतिक गतिविधि ही सामान्य है। स्थानीय निकाय चुनावों के बारे में उन्होंने कहा कि तहसील-पंचायत चुनाव (ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल) में बिना किसी हिंसा के 95 फीसदी मतदान हुआ।

नहीं करना चाहते कांग्रेस का अनुसरण

गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि निचले सदन के राजनीतिक नेता, जो इस समय जेल में हैं, वह केवल स्थानीय प्रशासन द्वारा रिहा किए जाएंगे और सरकार उनके निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "हम उन्हें जेल में एक दिन भी अतिरिक्त नहीं रखना चाहते हैं। जब प्रशासन को सही समय लगेगा, राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा। वे केवल 5-6 महीने के लिए जेल में हैं। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी तब कांग्रेस ने फारूक अब्दुल्ला के पिता को 11 साल तक जेल में रखा था, लेकिन हम उनका अनुसरण नहीं करना चाहते। वहां के हालात को देखते हुए उन्हें रिहा करने का स्थानीय प्रशासन का निर्णय होगा और इसमें हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। दखलअंदाजी की संस्कृति कांग्रेस की रही है, हमारा नहीं।

लोगों से ज्यादा नेताओं की चिंता

अमित शाह ने कहा, "मेरे सहित हर कोई जेल में नेताओं के बारे में चिंता कर रहा है। लेकिन हमें कश्मीर में लोगों के बारे में अधिक चिंता करनी चाहिए। अगर कांग्रेस ने लोगों को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछा होता, तो उन्हें लगता था कि कांग्रेस उनके बारे में चिंतित है, न कि केवल राजनीतिक गतिविधि के बारे में।"

बीच में हस्तक्षेप करने पर गृह मंत्री शाह और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस भी हुई। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता भी हिरासत में हैं और उन्होंने गिरफ्तार किए गए लोगों का ब्योरा मांगा है। बता दें कि अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

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