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प. बंगाल में अम्फान का तांडव, राज्य के दक्षिणी इलाके में भीषण तबाही, कम से कम 10 लोगों की मौत

चक्रवाती तूफान अम्फान ने बुधवार की शाम पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्से में भीषण तांडव मचाया। इससे...
प. बंगाल में अम्फान का तांडव, राज्य के दक्षिणी इलाके में भीषण तबाही, कम से कम 10 लोगों की मौत

चक्रवाती तूफान अम्फान ने बुधवार की शाम पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्से में भीषण तांडव मचाया। इससे व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह बहुत बड़ी तबाही है। तूफान कई इलाकों से 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरा। अभी तक 10 से 12 लोगों के मारे जाने की सूचना है। अनेक पुल और बांध क्षतिग्रस्त हुए हैं, स्ट्रीट लाइट के खंभे और मोबाइल फोन के टावर गिर गए, पेयजल और बिजली प्रणाली ध्वस्त हो गई है, बड़े इलाके में खेती बर्बाद हो गई है, हजारों कच्चे घर गिर गए हैं और कई इलाकों से संपर्क टूट गया है। हजारों पेड़ गिरने से सड़क पर आना-जाना मुश्किल हो गया है। कोलकाता शहर में 114 किमी तक की रफ्तार से आंधी चली। तीन घंटे में यहां 180 मिमी बारिश हुई। यहां का दमदम हवाई अड्डा गुरुवार सुबह तक के लिए बंद कर दिया गया है। नबान्न भवन, जहां मुख्यमंत्री का भी ऑफिस है, उसे भी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने राज्य के बड़े हिस्से में गुरुवार तक भारी बारिश की आशंका जताई है। इस दौरान 140 किमी तक की रफ्तार से आंधी भी चलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि तूफान ने बीच में अपना रास्ता बदला है। पहले इसके दीघा के पास तट पर पहले पहुंचने का अनुमान था, लेकिन यह पहुंचा सागर के पास। उन्होंने बताया कि चक्रवात का आकार काफी बड़ा और हवा की गति काफी ज्यादा होने के कारण राज्य के दक्षिणी इलाके 90 फीसदी तबाह हो चुके हैं। उत्तर और दक्षिण 24 परगना, मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा, बर्दवान, हुगली, बांकुड़ा, पुरुलिया, नदिया जिलों में ज्यादा नुकसान हुआ है। तूफान के रास्ता बदलने के कारण उत्तरी बंगाल में भी तेज बारिश हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, हमने अपने जीवन में ऐसा तूफान पहले कभी नहीं देखा। अब हम यह देख रहे हैं कि राज्य का कौन सा हिस्सा क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। कुछ इलाकों में राहत टीम को पहुंचने में एक-दो दिन लगेंगे, उसके बाद ही नुकसान का पूरा आकलन किया जा सकेगा। खेती को नुकसान को देखते हुए किसानों को हाथों में कुछ पैसा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।

6.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजने से जान का नुकसान कम

पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में सुबह से बारिश हो रही थी। समय बीतने के साथ यहां हवा की गति और बारिश की भीषणता बढ़ती जा रही थी। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान का दायरा काफी बड़ा है और इसे पूरी तरह निकलने में अभी समय लगेगा। एडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान के अनुसार पश्चिम बंगाल में पांच लाख और ओडिशा में 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया। ओडिशा में इसकी 20 टीमें तैनात की गई हैं। पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं और दो स्टैंडबाय में रखी गई हैं। तूफान 21 मई को असम और मेघालय पहुंचेगा। वहां भी भारी बारिश के आसार हैं।

विशाखापत्तनम में नेवी के जहाज तैयार 

भारतीय नेवी के अनुसार पूर्वी नेवल कमान बंगाल की खाड़ी में हालात पर नजर रखे हुए है और विशाखापत्तनम में जलयानों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यबचाव और परिवहन संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार रखा गया है। इसके लिए नेवी ने गोताखोरोंडॉक्टरोंरबर बोटखाद्य सामग्रीदवाइयांकपड़ेकंबल आदि की अतिरिक्त व्यवस्था की है।

ओडिशा के 9 जिलों में ज्यादा खतरा

ओडिशा में अम्फान की चपेट में नौ जिले आए हैं। यहां दो लोगों की मौत हुई है। यहां 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। तूफान के कारण पुरी, खुरदा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। कुछ जगहों पर हवा की गति 125 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। इस प्राकृतिक आपदा को देखते हुए राज्य के प्रभावित जिलों में 1704 शरणार्थी शिविर बनाए गए हैं।

 
 
 
 
 
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