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अलवर मॉब लिंचिंग पर बोली पुलिस, मौके पर फैसला लेने में हुई चूक

राजस्थान के अलवर जिले में मॉब लिंचिंग में रकबर खान (अकबर खान) की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर...
अलवर मॉब लिंचिंग पर बोली पुलिस, मौके पर फैसला लेने में हुई चूक

राजस्थान के अलवर जिले में मॉब लिंचिंग में रकबर खान (अकबर खान) की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप  है कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी। आरोप यह भी है कि पुलिस ने खुद भी रकबर की पिटाई की। इसकी वजह से रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी हुई और उसकी मौत हो गई।

इस पर अब पुलिस का पक्ष सामने आया है। पीड़ित की जगह गायों को तरजीह देने पर स्पेशल डीजी एनआरके रेड्डी ने कहा कि मौके पर फैसला लेने में चूक हुई। एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि पीड़ित को कस्टडी में पीटा गया लेकिन हां, शुरुआती जांच में हमें लगता है कि मौके पर क्या ज्यादा जरूरी था, इसका फैसला लेने में चूक हुई।

रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गौतस्करी के आरोप में कुछ कथित गौरक्षकों ने रकबर खान नामक एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था। असल में मॉब लिंचिंग के इस मामले में रकबर की मौत पर दुख जताने वाली राजस्थान की बीजेपी सरकार खुद घिरने लगी है। बड़ा सवाल है कि क्या भीड़ के साथ मिलकर पुलिस ने भी रकबर उर्फ अकबर को पीटा था और अस्पताल ले जाने के बजाए थाने में लाकर पटक दिया था? पुलिस खुद कह रही है कि रकबर ने सारी कहानी उसे बताई, जबकि डॉक्टर कह रहे हैं कि अस्पताल में वह मृत आया था।

विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने आरोप लगाया था कि हमारे कार्यकर्ताओं ने थोड़ी-बहुत पिटाई की थी, उसके बाद पुलिस ने भी पीटा। अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि पुलिस घायल को तीन बजे के बाद अस्पताल लेकर आई थी। पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि घटनास्थल से 6 किमी. की दूर अस्पताल तक पहुंचने में उसे 4 घंटे में कैसे लग गए?

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