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इन पांच ट्रिपल आईटी को मिला ‘राष्ट्रीय महत्व’ के संस्थान का दर्जा

सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में  पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में स्थापित...
इन पांच ट्रिपल आईटी को मिला ‘राष्ट्रीय महत्व’ के संस्थान का दर्जा

सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में  पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में स्थापित पांच भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) के पास अब डिग्री देने का अधिकार होगा, क्योंकि राज्यसभा में मंगलवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित कर दिया गया है। वर्तमान प्रस्ताव का मकसद सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में ट्रिपल आईटी को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देना है। अब इन आईटी संस्थानों को डिप्लोमा, पीएचडी जैसी डिग्री देने का अधिकार होगा।

सदन में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 को ध्वनि मत से पारित किया गया। मार्च में बजट सत्र के दौरान लोकसभा द्वारा बिल पहले ही पारित कर दिया गया था। विधेयक अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा।

ये ट्रिपल आईटी पहले से ही सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर्ड सोसाइटी के रूप में काम कर रहे हैं। वे अब ट्रिपल आईटी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) अधिनियम के तहत कवर किए जाएंगे।

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2014 और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) अधिनियम, 2017 भारत सरकार की अनूठी पहल है जो सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञान देने के लिए चुनौतियों का समाधान देती है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 को 20 मार्च 2020 को लोकसभा में पारित किया गया था।

पांच आईआईआईटी में से तीन को 2017 में सूरत (गुजरात), भोपाल (मध्य प्रदेश) और भागलपुर (बिहार) में पीपीपी मोड में स्थापित किया गया था। शेष दो संस्थान को 2019 में रायचूर (कर्नाटक) और अगरतला (त्रिपुरा) में स्थापित किया गया था। लेकिन इन संस्थानों के पास डिग्री प्रदान करने की शक्तियां नहीं थीं क्योंकि इन्हें 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत "सोसायटी" के रूप में स्थापित किया गया था।

1997 से देश में कुल 25 आईआईआईटी स्थापित किए गए हैं। उनमें से पांच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन काम कर रहे हैं, जबकि शेष 20 को पीपीपी मोड में विभिन्न राज्यों में सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उच्च सदन को बताया, "वर्तमान में इन आईआईआईटी में 14000 छात्रों का नामांकन है।"

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