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लॉकडाउन में हरियाणा बिजली वितरण निगमों को 433 करोड़ का झटका, अभी नुकसान बढ़ने की आशंका

लॉकडाउन में हरियाणा की बिजली वितरण निगमों को अभी तक करीब 433 करोड रुपये का झटका लग चुका है। उद्योग और...
लॉकडाउन में हरियाणा बिजली वितरण निगमों को 433 करोड़ का झटका, अभी नुकसान बढ़ने की आशंका

लॉकडाउन में हरियाणा की बिजली वितरण निगमों को अभी तक करीब 433 करोड रुपये का झटका लग चुका है। उद्योग और कर्मशियल प्रतिष्ठान बंद होने की वजह से घटी बिलिंग के कारण लॉकडाउन के करीब एक महीने में ही बिजली वितरण कंपनियों को 3 मई तक लॉकडाउन-2 में नुकसान 500 करोड़ के पार जाने की आशंका है।

राज्य में कुल 67,98,055 बिजली उपभोक्ताओं में से 110636 औद्योगिक और 6,76,129 कर्मशियल बिजली उपभोक्ता है। बाकी उपभोक्ता कृषि, घरेलू और अन्य कैटेगरी के हैं लेकिन इन सभी उपभोक्ताओं में से औद्योगिक और गैर घरेलू कैटेगरी के उपभोक्ता ही बिजली निगम कंपनियों के लिए सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले माने जाते हैं। दूसरी ओर बिजली वितरण पर भी नजर डालें तो हरियाणा में 23.05 प्रतिशत बिजली शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को जाती है। जबकि 31.05 प्रतिशत बिजली अर्बन और सेमी अर्बन उपभोक्ताओं को (इसी में गैर घरेलू उपभोक्ता यानी दुकानदार, अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान इत्यादि भी शामिल हैं), 23.35 प्रतिशत कृषि उपभोक्ताओं को और 22.55 प्रतिशत औद्योगिक एवं इंडिपेंडेंट फीडर उपभोक्ताओं को सप्लाई होती है।

फिक्स सरचार्ज माफ करने से भी वित्तीय संकट गहराया

बिजली वितरण कंपनियों को एक बड़ा राजस्व औद्योगिक और गैर घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई के बाद बिलिंग के रूप में प्राप्त होता है। गत वर्ष की तुलना करें तो इस सीजन में इस सेक्टर से एक महीने की बिलिंग 520 करोड़ से अधिक होती है। मगर लॉकडाउन के महज 26 दिनों में ही बिजली वितरण कंपनियों को इस सेक्टर से अभी तक लगभग 433 करोड का फटका लग चुका है। इस सेक्टर से लगभग 85 फीसद बिलिंग कम हुई है। जबकि सरकार द्वारा पिछले दिनों लॉकडाउन की वजह से उद्योगों का फिक्स्ड सरचार्ज माफ करने से भी बिजली कंपनियों का वित्तीय संकट और गहराया है।

इंडस्ट्री और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने से पड़ा असर

उधर,हरियाणा बिजली वितरण कंपनियों के सीएमडी शत्रुजीत कपूर के अनुसार, लॉकडाउन में इंडस्ट्री और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं। इसी वजह से बिजली वितरण निगमों की बिलिंग अपेक्षाकृत कम रही है। उनके अनुसार सारी स्थिति से सरकार और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग को अवगत करवा दिया जाएगा। करीब 15 साल बाद हरियाणा की बिजली कंपनियां लगभग 450 करोड़ के फायदे में आई थी। लेकिन लॉकडाउन का ये दौर लंबा चला तो निसंदेह बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक गड़बड़ा जाएगी।

एआरआर पर आयोग का फैसला लटका

लॉकडाउन की वजह से हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग(एचएसईआरसी) ने हरियाणा बिजली निगमों एवं कंपनियों की एआरआर (एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट) पर दिए जाने वाला अपना फैसला भी फिलहाल स्थगित कर दिया है। 30 नवंबर 2019 को बिजली कंपनियों ने आयोग के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी के समक्ष अपनी वित्तीय लेखा-जोखा की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी। इसके बाद जन सुनवाई दौरान आयोग के चेयरमैन ने आमजन, औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों, बिजली क्षेत्र के जानकारों और बिजली निगमों के अफसरों की दलीलें भी सुन ली थी। अब आयोग को अपना फैसला देना था। जिसमें आयोग यह तय करता है कि भविष्य में बिजली दरों का टैरिफ क्या रहेगा। इस फैसले को 1 अप्रैल से प्रदेश में लागू किया जाना था। लेकिन फिलहाल लॉकडाउन की वजह से यह फैसला भी लटक गया है।

वित्तीय समीक्षा करेंगे

हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से बिजली निगमों एवं कंपनियों का बजट कुछ गड़बड़ा गया है। निगम से मौजूदा परिवेश में संशोधित वित्तीय रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के बाद ही एआरआर पर आयोग अपना फैसला दे पाएगा। आयोग मौजूदा वित्तीय रिपोर्ट की समीक्षा करेगा। पता लगाया जाएगा कि लॉकडाउन के पश्चात बिजली निगमों एवं कंपनियों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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