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दिल्ली हिंसा में अब तक 24 की मौत, 18 एफआइआर, 106 गिरफ्तार

पिछले तीन दिनों में दिल्ली में सीएए विरोधी और सीएए समर्थक गुट के आमने-सामने आने के बाद हिंसक प्रदर्शन...
दिल्ली हिंसा में अब तक 24 की मौत, 18 एफआइआर, 106 गिरफ्तार

पिछले तीन दिनों में दिल्ली में सीएए विरोधी और सीएए समर्थक गुट के आमने-सामने आने के बाद हिंसक प्रदर्शन हुआ, तोड़फोड़-आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। इसमें अब तक हेड कॉन्सटेबल और आईबी कर्मचारी समेत 24 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि बुधवार को हिंसा की घटना की कोई कॉल नहीं मिली। अभी तक 18 मामले दर्ज किए गए हैं और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

बुधवार को दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में मार्च किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्लीवालों से शांति की अपील की तो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इलाके का दौरा कर गृहमंत्री अमित शाह को मामले की जानकारी दी। इस दौरान राजनीतिक लोगों की बयानबाजी जारी रही और एक दूसरे पर निशाना साधते दिखाई दिए।

दूसरा '1984' नहीं होने देंगेः हाईकोर्ट

वहीं, मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में दूसरा '1984' नहीं होने देंगे और कथित भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा। कोर्ट के निर्देश पर शाम को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने भी इलाके का दौरा किया। केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार शहीद रतन लाल के परिवार को एक करोड़ रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।

सीसीटीवी पुख्ता सबूतः पुलिस

बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस के पीआरसो एमएस रंधावा ने कहा कि आज हमें हिंसा की कोई कॉल नहीं मिली। इलाके की ड्रोन से भी निगरानी की गई। छतों से पत्थरों को हटाया गया। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं और पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने एक बार फिर लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। लोग 22829334 और 22829335 पर किसी भी मदद और सूचना के लिए कॉल कर सकते हैं। दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक  ने कहा: उत्तर पूर्वी इलाके में काफी हद तक स्थिति सामान्य हो गई है, वरिष्ठ अधिकारी दौरों पर हैं, अतिरिक्त बल दिए गए हैं और विश्वास कायम करने के बहुत सारे के उपाय किए जा रहे हैं। चीजों को वापस सामान्य स्थिति में लाया जा रहा है।

राजनीतिक दलों ने साधा निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोनिया गांधी ने दिल्ली में फैली हिंसा के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया और उनसे तुरंत इस्तीफा देने को कहा। इस दौरान सोनिया गांधी ने दिल्ली हिंसा पर मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे और हिदायत भी दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को सस्ती राजनीति बंद करनी चाहिए, हमें शांति बनाए रखनी चाहिए। वहीं, सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि दिल्ली की हिंसा 2002 के गुजरात दंगों की याद दिलाता है। दिल्ली में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सेना को बुलाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।  

कांग्रेस ने निकाला शांति मार्च

वहीं, कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा को लेकर शांति मार्च निकाला। इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं। ये मार्च गांधी स्मृति की तरफ जा रहा था और इसे जनपथ पर ही रोक दिया गया। प्रियंका गांधी ने कहा कि गृहमंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हुए हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

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