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सिख विरोधी दंगेः सज्जन की याचिका पर जल्दी सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट, जमानत भी नहीं दी

1984 में हुए सिख विरोध दंगों में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को मिली सजा को निलंबित करने की याचिका...
सिख विरोधी दंगेः सज्जन की याचिका पर जल्दी सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट, जमानत भी नहीं दी

1984 में हुए सिख विरोध दंगों में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को मिली सजा को निलंबित करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। लेकिन अदालत ने जमानत देने से इन्कार कर दिया। जल्दी सुनवाई की मांग भी उसने नामंजूर कर दी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले की सुनवाई अगले साल मई में करेगा। सज्जन कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा निलंबित करने के लिए याचिका दायर की थी।

सज्जन आजीवन कारावास पाने के बाद से जेल में 

जस्टिस एस. ए. बोबडे और बी. आर. गवई की बेंच ने कहा कि यह कोई सामान्य मामला नहीं है। इसके बारे में को फैसला करने से पहले सुनवाई किए जाने की आवश्यकता है। जल्दी सुनवाई की मांग खारिज करते हुए इस विषय में सुनवाई अगले साल गर्मियों के दौरान होगी। अदालत ने जमानत देने की सज्जन कुमार की याचिका भी खारिज कर दी। 73 वर्षीय कुमार जेल में बंद हैं। दिल्ली हाई कोर्ट से दोषी करार दिए जाने और सजा होने के बाद उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

वकील ने कहा, सज्जन दंगों में लिप्त नहीं थे

सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल सिख विरोधी दंगों में बिल्कुल संलिप्त नहीं रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि इस तथ्य पर ध्यान दीजिए कि आपके मुवक्किल को अदालत से दोषी ठहराया जा चुका है और सजा हो चुकी है। 

राजनगर में पांच सिखों की हत्या हुई थी

पूर्व सांसद को जिस मामले में सजा हुई है, उसमें एक-दो नवंबर 1984 की मध्य रात्रि को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में कैंटोनमेंट क्षेत्र के राजनगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या की गई थी। इसके अलावा राजनगर पार्ट-2 में गुरुद्वारा को जला दिया गया था।

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