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कर्ज माफी और लाभकारी मूल्य को लेकर 180 किसान संगठनों का रामलीला मैदान से मार्च

आउटलुक टीम - NOV 20 , 2017
कर्ज माफी और लाभकारी मूल्य को लेकर 180 किसान संगठनों का रामलीला मैदान से मार्च
कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों का रामलीला मैदान से मार्च
फोटो साभार- स्वराज इंडिया
आउटलुक टीम

देशभर से करीब 180 किसान संगठन सोमवार को दिल्‍ली में जुटे हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले किसान संगठनों ने रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक विरोध मार्च शुरू किया है। इन किसानों द्वारा फसलों के लाभकारी मूल्य और कर्ज माफी की मांग की जा रही है। वहीं संसद मार्ग में किसान मुक्ति संसद बुलाई गई है। संगठनों का कहना है कि भारत के किसान कर्ज़े, सूखे, घाटे और आत्महत्या से मुक्ति चाहते हैं। 

वहीं स्वराज इंडिया की तरफ से योगेंद्र यादव भी इस मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा, 'हमारी दो मांगें हैं। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, जिसका वादा मोदी जी ने किया था और दूसरी यह कि कृषि संबंधी सारे लोन माफ किए जाएं। पिछले कुछ सालों में राज्य सरकारों ने कदम उठाए हैं लेकिन बगैर केंद्र सरकार के ऐसा नहीं हो सकता। इसलिए हम केंद्र सरकार से सारे राज्यों में लोन माफी की मांग करते हैं ना कि सिर्फ उन राज्यों में जहां चुनाव होने हैं।' 

अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, ‘‘हमारी मुख्य मांग सही कीमत आंकलन के साथ वैध हक के तौर पर पूर्ण लाभकारी कीमतें और उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी का लाभ अनुपात पाना है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम फौरन व्यापक कर्ज माफी सहित कर्ज से आजादी की मांग करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज की समस्या के हल के लिए सांविधिक संस्थागत तंत्र स्थापित किए जाने की भी मांग की जाएगी।

अखिल भारतीय किसान सभा के नेता ने कहा कि कीमतों में घोर अन्याय किसानों को कर्ज में धकेल रहा है, वे आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं और देश भर में बार-बार प्रदर्शन हो रहे हैं। किसानों की दुर्दशा के हल के लिए हम बड़ी तादाद में दिल्ली में किसान मुक्ति संसद में एकत्र हो रहे हैं।

एआईकेएससीसी अपने प्रदर्शन के दौरान किसान मुक्ति संसद का आयोजन करेगी। दो मांगों के साथ सोमवार को एक मसौदा विधेयक भी पेश किया जाएगा और उस पर किसान संसद चर्चा कर उसे पारित करेगी।

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