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दरियागंज हिंसा मामले में भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने पुरानी दिल्ली के दरियागंज में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी...
दरियागंज हिंसा मामले में भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने पुरानी दिल्ली के दरियागंज में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।  वहीं, इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पंद्रह लोगों को शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार लोगों में से एक ने दावा किया कि वह एक किशोर था। हालांकि, पुलिस ने कहा कि उसने बताया कि वह 23 वर्ष का है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने जमानत की मांग की। जिसका विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। आजाद के संगठन ने नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक एक मार्च आयोजित किया था जबकि पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। शुक्रवार शाम में मार्च के दौरान जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया तो वह चकमा देकर वहां से निकल गए और बाद में मस्जिद के भीतर दिखे। आजाद शनिवार सुबह जामा मस्जिद से बाहर निकले तो  पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

लगा दी थी कार में आग

प्रदर्शनकारियों द्वारा  मार्च करने की कोशिश के बाद शुक्रवार को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। हालांकि, उन्हें पुलिस ने रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं। हिंसा के दौरान एक कार में आग लगा दी गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया।

40 को लिया था हिरासत में

प्रदर्शन और हिंसा के संबंध में 40 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें कुछ नाबालिग थे। हालांकि, उनमें से कुछ को आज सुबह छोड़ दिया गया। सामूहिक प्रार्थना के बाद पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को देखा गया। भीम आर्मी प्रमुख, चंद्रशेखर आजाद ने इस विरोध का नेतृत्व किया। आजाद को पहले पुलिस ने हिरासत में लिया और शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।

परिजनों ने लगाया आरोप

वहीं, गिरफ्तार किए आरोपियों के परिजनों ने कहा कि उन्हें पुलिस ने बच्चों से नहीं मिलने दिया।  उन्होंने आरोपों को भी निराधार बताया। परिवार के एक सदस्य ने कहा, "मेरा दामाद दरियागंज के पास पत्नी को छोड़ने आया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मोहम्मद सलीम ने कहा कि उनका दामाद मस्जिद में प्रार्थना करने गया था लेकिन उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। परिजनों का कहना है कि उन्हें बच्चों से बात तक नहीं करने दी जा रही है।

सीलमपुर हिंसा के आरोपी भेजे जेल

दिल्ली के सीलमपुर इलाके में हुई हिंसा के मामल में दिल्ली की एक अदालत ने सभी आरोपियों को तुरंत जमानत के अधिकार के साथ 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के  सीलमपुर इलाके में मंगलवार को पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, कई मोटरसाइकिलों को आग लगा दी थी और तीन बसों के साथ-साथ दो पुलिस चौकियों में भी तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा 21 लोग घायल हो गए। सीलमपुर इलाके में हुए प्रदर्शन के बाद रात में ब्रिजपुरी में भी प्रदर्शन हुए और लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। 

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