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निर्भया केस में दोषियों को जल्द फांसी की याचिका पर सुनवाई टली, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

दिल्ली के 2012 के निर्भया केस के चारों दोषियों (विनय, अक्षय, मुकेश और पवन) के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के...
निर्भया केस में दोषियों को जल्द फांसी की याचिका पर सुनवाई टली, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

दिल्ली के 2012 के निर्भया केस के चारों दोषियों (विनय, अक्षय, मुकेश और पवन) के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के लिए निर्भया की मां की याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई टाल दी गई है। दोषियों के डेथ वारंट जारी करने की मांग पर जज ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट से जानकारी मिली है कि अक्षय की पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और इस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होगी, ऐसे में सुनवाई को टाल दिया जाता है। अब इस मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में 17 दिसंबर को सुनवाई होनी है,  ऐसे में डेथ वारंट पर विचार नहीं हो सकता है।

सुरक्षा कारणों से चारों दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले की सुनवाई के दौरान निर्भया के वकील ने कहा कि फांसी की तारीख तय होनी चाहिए। दया याचिका लगाने से डेथ वारंट जारी होने का कोई लेना देना नहीं है। दया याचिका लगाने के लिए डेथ वारंट को नहीं रोका जा सकता।

निर्भया के वकील ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है, तो वे डेथ वारंट को स्थगित या स्टे कर सकते हैं। बाकी तीन दोषियों की पुनर्विचार खारिज हो चुकी है। उन्हें क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का अधिकार नहीं है।

जज ने क्या कहा

इस पर जज ने कहा कि जब तक पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। तब तक ये कोर्ट डेथ वारंट जारी नहीं कर सकती। निर्भया के वकील ने याकूब मेमन केस का हवाला दिया। इस पर जज ने कहा कि याकूब मेमन केस में कोई पुनर्विचार याचिका लंबित नहीं थी।

सात साल तक इंतजार कियातो एक सप्ताह और सही

वहीं, कोर्ट द्वारा इस मामले को टालने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि जब सात साल तक इंतजार किया है, तो एक सप्ताह और सही। जानकारी के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा की अदालत में भी सुनवाई के दौरान मामला स्थगित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार का मामला लंबित है, तब तक आगे की  सुनवाई संभव नहीं है।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हुई पेशी

जेल प्रशासन के अनुसार, चारों दोषियों की पेशी से जुड़ा प्रोडक्शन वारंट नहीं मिला है। ऐसे में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। जेल प्रशासन स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर यह बताएगा कि चारों दोषियों ने अपने किन अधिकारों का इस्तेमाल किया है और क्या विकल्प बचे हैं।

क्या है मामला

बता दें कि तकरीबन सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 को वसंत विहार इलाके में घर लौट रही निर्भया के साथ बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और बाद में शारीरिक प्रताड़ना के चलते उसकी मौत हो गई थी।

 

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