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बिहार में भाजपा फिर से करने जा रही बड़ा खेल, इस पार्टी को लगेगा बड़ा झटका

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जिस तरह से कई भाजपा नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़कर चिराग पासवान की लोक...
बिहार में भाजपा फिर से करने जा रही बड़ा खेल, इस पार्टी को लगेगा बड़ा झटका

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जिस तरह से कई भाजपा नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़कर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी का हाथ थामा था । उस समय से ही कई सारे कयास लगाए जा रहे थे। अब जब भाजपा राज्य में बड़ा भाई बन चुकी है नीतीश कुमार तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं और चिराग पासवान का वजूद ही खत्म होने के कगार पर है , तो भाजपा ने उन बागी नेताओं पर नरमी दिखाना शुरू कर दिया है। ऐसे संकेत हैं की पार्टी उन नेताओं को दोबारा भाजपा में शामिल कर सकती है। इसके साथ ही उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी नहीं की जाएगी। जागरण के अनुसार 60 से अधिक विधायक घर वापसी कर सकते हैं।

इसके पीछे तर्क दियाया गया है कि पार्टी अब अपने जनाधार को राज्य में मजबूत करना चाहती है। वह आगे भी बड़े भाई की भूमिका में ही रहना चाहती है इसलिए ऐसे सभी नेताओं को पार्टी में शामिल करने की तैयारी है जो भाजपा को फायदा पहुंचा सकते हैं।

नीतीश कुमार का चिराग से बदला
हाल ही में लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार ने चिराग पासवान का दामन छोड़ जदयू का हाथ थामा है। उन्हें सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जदयू की सदस्यता दिलाई गई। इससे पहले लोजपा के 200 से ज्यादा नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं। इससे लोजपा को तगड़ा झटका लगा है।

दरअसल मटिहानी से विधायक राजकुमार सिंह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के द्वारा कारण बताओ नोटिस से नाराज चल रहे थे। जिसके बाद उन्होंने जेडीयू में शामिल होने का मन बना लिया था और इसलिए वह बगावत पर उतर आए।

भाजपा से दूसरे दलों में शामिल हुए नेताओं में से कुछ ने पार्टी अपने इच्छा के अनुसार छोड़ी थी तो कुछ को अनुशासनहीनता के कारण निकाल दिया गया था। इनमें कुछ पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन से जुड़े हुए हैं। अब पार्टी की नजर ऐसे नेताओं पर है जिन्होंने दूसरे दल में जाने के बाद भी भाजपा के खिलाफ नहीं कहा। अब वह घर वापसी के भी इच्छुक है। इसलिए पार्टी उन्हें फिर से शामिल करने के लिए सकारात्मक रूख दिखा रही है।

इन नेताओं की होगी घर वापसी
भाजपा ने पार्टी संभालने वाले राजेंद्र सिंह और रामेश्वर चौरसिया जैसे ढाई दर्जन नेताओं की पहचान की है। पार्टी में उनकी वापसी का आधार तैयार किया जाने लगा है। राजेंद्र सिंह की बात की जाए तो वह लगभग दो दशक तक झारखंड से लेकर बिहार तक भाजपा के संगठन महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे तमाम उच्च पदों पर स्थापित रह चुके हैं। उषा विद्यार्थी भी जिला महामंत्री से लेकर प्रदेश मंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता तक रह चुकी हैं। रामेश्वर चौरसिया भाजपा के चार बार विधायक रह चुके हैं। इससे पहले वह भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय संगठन में कई प्रदेशों के प्रभारी भी रह चुक हैं।

बिहार से अभी से भाजपा मिशन-2024 की तैयारियां जोरो शोरो से शुरू हो चुकी है। यही वजह है कि पार्टी सारे नेताओ और कार्यकर्ताओं को जोड़ने में जुट गई है।

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