Advertisement

सर्वदलीय बैठक में ईडब्ल्यूएस को लेकर लिया गया बड़ा फैसला, संविधान संशोधन को सभी ने किया 'खारिज'

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अध्यक्षता में हुई सर्व विधायक दल की बैठक में 103वें संविधान...
सर्वदलीय बैठक में ईडब्ल्यूएस को लेकर लिया गया बड़ा फैसला, संविधान संशोधन को सभी ने किया 'खारिज'

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अध्यक्षता में हुई सर्व विधायक दल की बैठक में 103वें संविधान संशोधन को केंद्र द्वारा 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा प्रदान करने के निर्णय को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसने गरीब लोगों के बीच ‘‘जाति-भेदभाव’’ पैदा किया। 

मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और उसकी सहयोगी भाजपा द्वारा बहिष्कार की गई बैठक में राज्य सरकार से समीक्षा याचिका दायर होने पर अपनी राय "दृढ़ता से" दर्ज करने का आग्रह किया गया।

सत्तारूढ़ द्रमुक पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखते हुए 8 नवंबर की पांच-न्यायाधीशों वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करेगी। जाहिर है कि बेंच ने कोटा 3-2 बरकरार रखा।

सर्वदलीय बैठक में कहा गया, "हम 103वें संविधान संशोधन को खारिज करते हैं, जिसमें आगे बढ़ने वाली जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है, क्योंकि यह संविधान द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय के खिलाफ, शीर्ष अदालत के विभिन्न फैसलों के खिलाफ और गरीबों के बीच जातिगत भेदभाव पैदा करने के लिए है।" 

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल सभी लोगों ने इस मुद्दे पर समर्थन दिया। स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में द्रमुक के सहयोगी कांग्रेस, वाम दलों, एमडीएमके और विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के अलावा एनडीए के घटक पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने भाग लिया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement