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मुश्किल में सलमान-शिल्पा, जोधपुर कोर्ट के आदेश पर एससी-एसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज

- रामगोपाल जाट बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का राजस्थान से विशेष नाता जुड़ गया है। बीते 20 साल से ज्यादा समय...
मुश्किल में सलमान-शिल्पा, जोधपुर कोर्ट के आदेश पर एससी-एसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज

- रामगोपाल जाट

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का राजस्थान से विशेष नाता जुड़ गया है। बीते 20 साल से ज्यादा समय हो गया है, जब सलमान खान राजस्थान के जोधपुर कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। उनके साथ सैफ अली खान, करिश्मा कपूर सहित कई अभिनेत्रियों और अभिनेताओं को कोर्ट के द्वारा मिलने वाली तारीख पर तारीख झेलनी पड़ रही है। अब सलमान खान के साथ एक अभिनेत्री का नाम और जुड़ गया है।

शिल्पा शेट्टी और सलमान खान के खिलाफ जोधपुर के नागौर गेट थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर कोर्ट के इस्तगासे के बाद की गई है।

बीते साल काले हिरण मामले में कोर्ट से बरी हुए अभिनेता सलमान खान की मुसीबतें इसके बावजूद भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आर्म्स एक्ट वाले मामले में तारीख साध रहे अभिनेता पर अब एक समुदाय को भंगी शब्द से संबोधित करने के कारण मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में सलमान खान और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ जोधपुर पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। कोर्ट के आदेश पर नागौर गेट थाने में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। इससे पहले दिल्ली और मुंबई में भी दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।

पुलिस के अनुसार, रामबाग इलाके की काजा कॉलोनी निवासी नरेश कंडारा ने इस संबंध में कोर्ट में परिवाद दिया था। जिसमें उन्होंने अभिनेता सलमान खान और शिल्पा शेट्टी पर समाज विशेष को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयानों से उनकी भावनाएं आहत होने की बात कही थी। इस पर कोर्ट ने नागौर गेट पुलिस को मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। थाना प्रभारी लूण सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच एसीपी निशांत भारद्वाज कर रहे हैं।

आपको बता दें कि 'अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989',(The Scheduled Castes and Tribes (Prevention of Atrocities) Act, 1989) को 11 सितम्बर 1989 में भारतीय संसद द्वारा पारित किया था। जिसे 30 जनवरी 1990 से सारे भारत में लागू किया गया। यह अधिनियम उस प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होता हैं जो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का सदस्य नही हैं तथा वह व्यक्ति इस वर्ग के सदस्यों का उत्पीड़न करता हैं। इस अधिनियम मे 5 अध्याय एवं 23 धाराएं हैं।

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