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सेंसर बोर्ड से ‘लंबी लड़ाई’ के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म “मस्तानी” पर रिलीज हुई फिल्म ‘जिहाद’, अभिनेता हैदर काजमी ने किया है अभिनय

सेंसर बोर्ड से दो बार मना किए जाने के बाद आखिरकार तीसरी बाद फिल्म “जिहाद” को हरी झंडी मिलने के बाद...
सेंसर बोर्ड से ‘लंबी लड़ाई’ के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म “मस्तानी” पर रिलीज हुई फिल्म ‘जिहाद’, अभिनेता हैदर काजमी ने किया है अभिनय

सेंसर बोर्ड से दो बार मना किए जाने के बाद आखिरकार तीसरी बाद फिल्म “जिहाद” को हरी झंडी मिलने के बाद बुधवार 21 जुलाई को बकरीद के मौके पर इसे ओटीटी (ओवर दी टॉप) प्लेटफॉर्म “मस्तानी” पर रिलीज कर दिया गया है। अभिनेता हैदर काजमी की ये फिल्म कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड जीत चुकी है। फिल्म “जिहाद” "कांस फिल्म फेस्टिवल" में भी अपना जलवा दिखा चुकी है। ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘मस्तानी’ के फाउंडर अभिनेता हैदर काजमी ही हैं।

हैदर काजमी का कहना है कि आज के दौर में “जिहाद” शब्द को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रम की स्थिति है, उसे दूर करने के लिए ‘जिहाद’ नाम से हमने फिल्म बनाई है। वास्तव में जिहाद को आतंकवाद से जोड़ कर देखा जाता है। लेकिन सभी जिहाद के असल मतलब से अंजान है, जो हम इस फिल्म के जरिये लोगों के सामने लेकर आए हैं। जिहाद का मतलब होता है अपने अंदर के क्रोध और शैतान को मारना, ना कि इसके नाम पर बंदूक उठाकर बेकसूर लोगों को मारना।

राकेश परमार द्वारा इस फिल्म को निर्देशित किया गया है। इस फिल्म को कश्मीर के कई असामान्य लोकेशंस पर शूट किया गया है। इसमें कुपवाड़ा, चरारेशरीफ, दूध गंगा, यूसमरग जैसे सम्वेदनशील जगह शामिल हैं, जहां “जिहाद” की शूटिंग हुई है। फिल्म निर्माताओं के मुताबिक इस फिल्म में कश्मीर के लोकल कलाकारों को वर्कशॉप देकर उनके साथ शूट किया गया है।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म “जिहाद” 6 भाषाओं में रिलीज हुई है। इसे हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, तमिल, कनाडा और भोजपुरी भाषाओं में रिलीज किया गया है।

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