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चुलबुल पांडे: 'रॉबिनहुड बिहार के'

थाना में बैठे ऑन ड्यूटी/ बजावें हैं पांडेजी सीटी। भले हीं गुप्तेश्वर पांडेय ड्यूटी पर सीटी ना बजा रहे...
चुलबुल पांडे: 'रॉबिनहुड बिहार के'

थाना में बैठे ऑन ड्यूटी/ बजावें हैं पांडेजी सीटी। भले हीं गुप्तेश्वर पांडेय ड्यूटी पर सीटी ना बजा रहे हों, लेकिन वो अपने नए गाने 'बिहार के रॉबिनहुड'के अवतार में चुलबुल पांडे की तरह गाने और डांस करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। चुलबुल पांडे का किरदार फिल्म दबंग-2 में सलमान खान ने निभाया था,  जिसमें गाते और डांस करते पुलिस वाले के रूप में नजर आए थे। बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे बिग-बॉस से प्रसिद्धि पाने वाले दीपक ठाकुर के गाए म्यूजिक वीडियो गाने में अभिनय कर रहे हैं। इस गाने को 20 सितंबर तक जारी कर दिया जाएगा।

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुर्खियों में रहे हैं। खास तौर से मुंबई पुलिस द्वारा गलत रवैये को लेकर अपनी विवादास्पद आलोचना के लिए सबसे प्रसिद्ध है। बिहार पुलिस सुशांत सिंह मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई गई थी। 

1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडे की सोशल मीडिया पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है। फेसबुक पर उनके 7.7 लाख फॉलोअर्स हैं और ट्विटर पर 2.5 लाख फॉलोअर्स हैं। ट्विटर पर वो साल 2020 के अप्रैल महीने में शामिल हुए थे।

हिंदी में जारी “रॉबिनहुड बिहार के” टीजर में पुलिस अधिकारी पांडे पूर्ण पुलिस वर्दी और चश्मे में दिखाई देते हैं। इसमें वो सोफे पर बैठे नजर आते हैं। टीजर में एक टैगलाइन भी है, जो कहती है, "दबंग की असली परिभाषा"।

उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले डीजीपी बनाया गया था। इससे पहले वो मुंगेर और मुजफ्फरपुर जोन के डीआईजी रह चुके हैं। कई नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षक रहे हैं। नीतीश सरकार के शराब बंदी अभियान के वो ब्रांड-एम्बेस्डर भी हैं।

गाने में गुप्तेश्वेर पांडे को लेकर दीपक ठाकुर बताते हैं, “हम गुप्तेश्वर पांडे को 18 साल से जानते हैं। उन्होंने हीं मेरी स्कूल तक की पढ़ाई पूरी करवाई है। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। हमारा पुराना रिश्ता रहा है। ऐसे व्यक्ति का साथ होना गर्व की बात है।"

आगे डीजीपी पांडे को लेकर दीपक कहते हैं, "जरूरतमंद के साथ वो खड़े रहते हैं। सुशांत मामले में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। दवाब के बाद ही एजेंसी जांच कर रही है। बड़े पद पर होने के बाद भी उनके अंदर अहम नहीं है। जो उन्होंने बिहार के लिए किया है, उन्हीं शब्दों को हम संगीतवद्ध कर दर्शकों के लिए लेकर आ रहे हैं। सही मायने में वो बिहार के रॉबिनहुड हैं। तथ्यों को जुटाने के लिए कभी रिक्शा वाला, तो कभी भिखारी के रूप में हम सबने उन्हें देखा है।"

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बिहार के बक्सर जिले से आते हैं। राजनीति में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश की थी, लेकिन वो असफल रहें। दरअसल, कहा जाता है कि साल 2009 में वो बक्सर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। इसको लेकर पांडे ने इस्तीफा भी दे दिया था। लेकिन, उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया। सांसद लालमुनि चौबे को पार्टी ने फिर से मैदान में उतार दिया था। हालांकि, इस चुनाव में भाजपा यहां से हार गई थी।

उनका कार्यकाल साल 2021 के फरवरी महीने में खत्म होने वाला है। इससे पहले हीं इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि रिटायर होने के बाद वो राजनीति की तरफ रूख कर सकते हैं। हालांकि, ये अभी स्पष्ट नहीं है। दीपक कहते हैं, यदि वो राजनीति में आकर राज्य की सेवा करते हैं तो इससे सौभाग्य की बात क्या हो सकती है। उनके जैसे व्यक्ति की राजनीति को जरूरत है। हमारे यहां बहुत कम ऐसे नेता हैं जो पढ़े-लिखे हैं।

 

 

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