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रुपहले परदे का स्याह सच

 “सुशांत मामले में हालिया खुलासे ने बॉलीवुड के लिए भानुमती का पिटारा खोल दिया”  जब कंगना रनौत ने...
रुपहले परदे का स्याह सच

 “सुशांत मामले में हालिया खुलासे ने बॉलीवुड के लिए भानुमती का पिटारा खोल दिया”

 जब कंगना रनौत ने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में सुशांत सिंह राजपूत-रिया चक्रवर्ती जांच गाथा में लगातार आ रहे ‘ट्विस्ट’ के बीच यह आरोप लगाया कि ‘99 फीसदी बॉलीवुड’ नशे कि गिरफ्त में है, तो ऐसा लगा मानो भारतीय फिल्म उद्योग पर किसी ने बम गिरा दिया है। ऐसी उम्मीद कि जा रही थी कि 33 वर्षीय स्टार द्वारा लगाए गए आरोप के खिलाफ इंडस्ट्री की हस्तियां मुखर होकर अपना विरोध जताएंगी, लेकिन इसके विपरीत वहां सन्नाटा ही पसरा मिला। इस रवैये से महेश जेठमलानी जैसे इंडस्ट्री के बाहर के लोग आश्चर्यचकित थे। 

मुंबई में रहने वाले प्रसिद्ध वकील ने एक ट्वीट के माध्यम से पूछा, “एक बॉलीवुड अभिनेत्री टीवी चैनल पर निजी जानकारी का दावा करके गंभीर आरोप लगाती है कि 99 फीसदी बॉलीवुड नशीली दवाओं का सेवन करता है, लेकिन इंडस्ट्री का एक भी व्यक्ति उसका खंडन नहीं करता। आम जनता ऐसी गहरी खामोशी का क्या अनुमान लगाएगी?”

इसके बाद रवीना टंडन निडरता से अपनी बिरादरी का बचाव करने के लिए यह कहते हुए सामने आईं कि कुछ गंदी मछलियों से पूरा तालाब गंदा नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, “विश्व स्तर पर, 99 फीसदी न्यायाधीश, नेता, बाबू, अधिकारी और पुलिस भ्रष्ट हैं। यह विवरण सभी के लिए सामान्य नहीं हो सकता है। लोग बुद्धिमान हैं। वे अच्छे-बुरे का अंतर कर सकते हैं। कुछ गंदी मछलियों से पूरा तालाब गंदा नहीं हो जाता। इसी तरह हमारे उद्योग में भी अच्छे और बुरे हैं।” 

रवीना टंडन

कुछ भी हो, कंगना के वक्तव्य ने सार्वजनिक क्षेत्र में बॉलीवुड का ऐसा पुराना रहस्य उजागर कर दिया, जिसके बारे में जानते तो सब हैं, लेकिन कोई बोलने का खतरा मोल नहीं उठता। सुशांत सिंह राजपूत-रिया चक्रवर्ती प्रकरण में तीन केंद्रीय एजेंसियों, सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के अंतिम परिणाम जो भी आएं, इसने इस कयास को और बल दिया है कि बॉलीवुड नशे के व्यापारियों का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। लेकिन, क्या ऐसे अंदेशों, आरोपों और अनुमानों में कोई तथ्य है?

एनसीबी की जांच से ऐसी उम्मीद है कि इस प्रश्न को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। ब्यूरो ने सुशांत की पूर्व प्रेमिका रिया चक्रवर्ती, जो आखिरी बार 2018 में महेश भट्ट की फिल्म जलेबी में देखी गई थीं, को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ के आधार पर उनके भाई शौविक सहित अन्य पर भी शिकंजा कस रही है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इन दिनों प्राइम-टाइम टीवी, सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर ऐसी खबरों कि भरमार है कि कुछ चोटी के कलाकार सहित 25 बॉलीवुड हस्तियों को एनसीबी जल्द ही इस मामले में तलब कर सकती है। क्या वास्तव में बॉलीवुड और ड्रग माफिया के बीच कोई संबंध है? पुख्ता तौर पर उत्तर किसी के पास नहीं। 

अगर कंगना, जो इंडस्ट्री का लंबे समय से  हिस्सा रही हैं और ‘सुशांत के लिए न्याय’ अभियान में जोर-शोर से भाग ले रही हैं, की मानें तो बॉलीवुड एक “नाली (गटर)” की तरह हो गया है, जिसे साफ करने की आवश्यकता है। क्वीन (2014) जैसी नारीप्रधान फिल्मों से चर्चित अदाकारा उन चुनिंदा स्टारों में है, जिन्होंने बिहार के 34 वर्षीय अभिनेता की मौत की गहन जांच की मांग की थी। सुशांत 14 जून को मुंबई के अपने बांद्रा स्थित घर में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। कंगना ने उसके बाद कहा था कि आज फिल्मी सितारों में से अधिकांश ड्रग एडिक्ट हैं और वे चाहती हैं कि उन्हें मेडिकल टेस्ट से गुजरना चाहिए। उन्होंने यह ट्वीट करके इंडस्ट्री में हलचल पैदा कर दी कि “मैं रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, अयान मुखर्जी, विक्की कौशल से ड्रग की जांच के लिए अपने ब्लड टेस्ट करवाने का अनुरोध करती हूं, ऐसी अफवाहें हैं कि वे कोकीन के नशे में रहते हैं, मैं चाहती हूं कि वे इन अफवाहों को निर्मूल साबित करें, ऐसा करके वे लाखों युवा लोगों को प्रेरित कर सकते हैं।”

कंगना का कहना है कि अगर एनसीबी बॉलीवुड में प्रवेश करती है, तो कई ए-लिस्टर सलाखों के पीछे होंगे और उनका ब्लड टेस्ट किया जाए,  तो कई चौंकाने वाले खुलासे होंगे। उन्होंने यह भी ट्वीट किया, “आशा है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत पीएमओ बॉलीवुड नामक नाली को साफ करेगा।”  उनका दावा है कि कोकीन फिल्म उद्योग का मनपसंद नशीला पदार्थ है, जिसका उपयोग लगभग सभी फिल्मी पार्टियों में किया जाता है। वे दावा करती हैं, “यह बहुत कीमती है, लेकिन शुरुआत में जब आप बड़े लोगों के घर जाते हैं, तो वहां मुफ्त में एमडीएमए क्रिस्टल को पानी में मिलाकर परोसा जाता है। कई बार तो यह सेवन करने वाले को बताए बिना ही दिया जाता है।”

कंगना का यह भी आरोप है कि ड्रग्स के ओवरडोज के कारण कुछ साल पहले एक टॉप स्टार को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उनका कहना है कि बॉलीवुड के बड़े और शक्तिशाली लोगों को ऐसे कई ‘रहस्य’ के बारे में पता है। वे कहती हैं कि जब वह अपने करियर में सफल हो गई थीं और उन्होंने फिल्म पार्टियों में जाना शुरू किया, तब उन्हें इंडस्ट्री के भीतर नशे की चौंकाने वाली और ड्रग्स माफिया की भयावह दुनिया के बारे में पता चला। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मैं नारकोटिक्स ब्यूरो की मदद करने के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे केंद्र सरकार से सुरक्षा की आवश्यकता है, मैंने न केवल अपने करिअर को बल्कि अपने जीवन को भी खतरे में डाल दिया है, यह स्पष्ट है कि सुशांत को कुछ काले रहस्य पता थे, इसलिए वह मारा गया है।”  

कंगना की मुहिम को अभिनेता और भाजपा सांसद रवि किशन का समर्थन मिला है, जिन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया । भोजपुरी सुपरस्टार ने ड्रग्स के साथ फिल्म उद्योग के कथित संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एनसीबी बहुत अच्छा काम कर रही है और कुछ लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने लोकसभा में कहा, “मैं केंद्र सरकार से इस दिशा में सख्त कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं। जल्द ही दोषियों को पकड़ना चाहिए, उन्हें सजा देनी चाहिए और पड़ोसी देशों द्वारा की जा रही साजिश का खात्मा करना चाहिए।” 

रवि किशन

हालांकि, सांसद और अभिनेत्री  जया बच्चन ने किशन को उनकी टिप्पणियों के लिए आड़े हाथों लिया। 15 सितंबर को राज्यसभा में, समाजवादी सांसद ने कहा कि सिर्फ कुछ लोगों कि वजह से पूरी इंडस्ट्री की छवि को धूमिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं शर्मिंदा हूं कि कल, लोकसभा में हमारे फिल्म उद्योग से जुड़े एक सदस्य ने इंडस्ट्री के खिलाफ बात की। यह शर्मनाक है। जिस थाली में खाते हैं, यह उसमें छेद करने के सामान है।” उन्होंने बिना नाम लिए कंगना पर भी हमला किया। जया बच्चन ने कहा कि जिन्हें फिल्म उद्योग के माध्यम से शोहरत और पैसा मिला है, वे भी इसे एक गटर कहते हैं। “मैं इससे पूरी तरह असहमत हूं और मुझे उम्मीद है कि सरकार इस तरह की भाषा का उपयोग बंद करने के लिए कदम उठाएगी।” उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग हमेशा प्राकृतिक आपदाओं के समय में हरसंभव मदद के लिए आगे आता रहा है और सरकार द्वारा किए गए हर अच्छे काम का समर्थन भी करता रहा है।

जया बच्चन

जवाब में किशन कहते हैं, “जाहिर है, फिल्म उद्योग में हर कोई ड्रग्स का सेवन नहीं करता है, लेकिन कुछ लोग दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योग को खत्म करने पर तुले हैं। जब जया जी और मैं यहां आए थे, तो स्थिति ऐसी नहीं थी, लेकिन अब हमें इंडस्ट्री की रक्षा करने की आवश्यकता है।”

कंगना ने भी जया बच्चन से पूछा कि वे उनसे एक ही बात पूछना चाहेंगी कि “मेरी जगह आपकी बेटी श्वेता (नंदा) होती, जिसे एक किशोरी के रूप में पीटा जाता या नशे का सेवन कराया जाता और या वह उत्पीड़न का शिकार होती तो क्या तब भी वे ऐसी ही बातें करतीं?” उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से कहा, “अगर अभिषेक (बच्चन) धमकाने और उत्पीड़न की शिकायत लगातार करते और एक दिन उन्हें फंदे से लटका पाया जाता, तो भी क्या यही कहा जाता? हमारे लिए भी संवेदनाएं दिखाइए।” 

विडंबना है कि कंगना के खिलाफ मुंबई पुलिस ने उनके पूर्व प्रेमी, अभिनेता अध्ययन सुमन के एक पुराने साक्षात्कार के आधार पर ड्रग सेवन के आरोप के मामले की जांच शुरू कर दी है। 2016 में, अध्ययन ने आरोप लगाया था कि कंगना उन्हें एक पार्टी में ले गई थीं और कोकीन लेने के लिए कहा था। अध्ययन आउटलुक से कहते हैं कि वे अब गड़े मुर्दे उखड़ना नहीं चाहते हैं। वह कहते हैं, “मुझे  जो कुछ भी कहना था वह तब मैंने कहा था। उस समय किसी ने मुझ पर विश्वास नहीं किया। मैं अब अपने जीवन में आगे बढ़ रहा हूं और इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है।” (देखें इंटरव्यू)

इस साल की शुरुआत में कंगना द्वारा जारी एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वह ड्रग एडिक्ट हुआ करती थीं। उन्हें वीडियो क्लिप में कहते सुना गया, “जब मैं 15-16 साल की थी, तो घर से भाग गई थी। मैं जल्द ही फिल्म स्टार बन गई और ड्रग एडिक्ट भी।” हालांकि, कंगना के समर्थकों का दावा है कि उनके खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस की जांच कुछ और नहीं बल्कि प्रतिशोध की भावना से की जा रही कार्रवाई है, क्योंकि कंगना सुशांत की मौत के मामले में राज्य की पुलिस की छानबीन को लेकर उद्धव सरकार पर निशाना साध रही हैं। बदले की भावना से मुंबई स्थित उनके कार्यालय का एक हिस्सा भी हाल ही में ध्वस्त कर दिया गया।

निश्चित रूप से यह पहली बार नहीं है, जब बॉलीवुड पर ड्रग्स मामले में आरोपों के बादल मंडरा रहे हैं। पिछले साल जब फिल्म निर्माता करण जौहर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण, विक्की कौशल, वरुण धवन, शाहिद कपूर, जोया अख्तर सहित कई शीर्ष सितारों और फिल्मकारों का अपने घर आयोजित एक पार्टी का वीडियो डाला था, तब भी आरोप लगे थे कि वह ड्रग पार्टी थी। दिल्ली से अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने मुंबई पुलिस को एक पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग भी की थी। बाद में करण जौहर और विक्की कौशल ने इन आरोपों का खंडन किया था। मनजिंदर ने इस संबंध में अब प्रधानमंत्री कार्यालय और एनसीबी को पत्र लिखा है। 

हालांकि, इस तथ्य से कोई इनकार नहीं करता कि बॉलीवुड ऐसे मामलों में पाक साफ नहीं रहा। संजय दत्त, रणबीर कपूर, प्रतीक बब्बर और अन्य कई अभिनेताओं ने खुले तौर पर कभी न कभी प्रतिबंधित नशीली पदार्थों के सेवन करने की बात स्वीकारी है। फरदीन खान को एक बार हिरासत में ले लिया गया था, जबकि विजय राज को कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में दुबई हवाई अड्डे पर हिरासत में रखा गया था। ऐसे कुछ और उदाहरण हैं।

फिल्म उद्योग पर नजर रखने वालों को उम्मीद है कि एनसीबी कि जांच फलते-फूलते ड्रग सिंडिकेट के लिए बॉलीवुड के खुले दरवाजे को बंद कर देगी। फिल्म समीक्षक मुर्तजा अली खान का कहना है, “इन दिनों ज्यादातर युवा फिल्मों में करिअर बनाने का सपना देखते हैं, लेकिन वे अक्सर इस बात पर ध्यान नहीं देते कि ग्लैमर की चमक का एक स्याह पक्ष भी है। नशीली दवाओं की लत विशेष रूप से उन युवाओं के लिए खतरा है, जिन्हें कम उम्र में ही सफलता मिल जाती है।”

खान कहते हैं, पश्चिमी देशों में, सेलिब्रिटीज अपनी नशीली दवा की समस्याओं के बारे में अधिक मुखर रहे हैं। लेकिन नशीली दवाओं की लत से जुड़ी वर्जनाओं के कारण, भारतीय हस्तियां इस मामले में ज्यादातर चुप रही हैं। हालांकि वह यह मानते है कि सुशांत मामले में हालिया खुलासे ने बॉलीवुड के लिए भानुमती का पिटारा खोल दिया है। उनके अनुसार,  “सुशांत के मामले के परिणाम जो भी आए, अब समय आ गया है कि भारतीय हस्तियां नशीले पदार्थों के सेवन के बारे ज्यादा जागरूक हों। अब वे दिन बीत गए जब ड्रग्स के मुद्दे को इंडस्ट्री में दरकिनार कर दिया जाता था, विशेष रूप से जब सरकारी एजेंसियां बॉलीवुड पर पैनी नजर रखे हुए हों।”

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