Advertisement

साइबर अपराधों से जागरुकता वाली कॉलर ट्यून के लिए अभिताभ बच्चन ने नहीं लिया कोई पैसा: गृह मंत्रालय

साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कॉलर ट्यून में आवाज देने को लेकर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ...
साइबर अपराधों से जागरुकता वाली कॉलर ट्यून के लिए अभिताभ बच्चन ने नहीं लिया कोई पैसा: गृह मंत्रालय

साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कॉलर ट्यून में आवाज देने को लेकर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को सोशल मीडिया पर खासा ट्रोल किया गया, लेकिन यह काम उन्होंने बिना किसी शुल्क के केवल जनहित में किया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ के संवाददाता की ओर से दायर सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी।

इसी आवेदन के जवाब में दूरसंचार विभाग ने बताया कि उसने 18 दिसंबर 2024 को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को साइबर अपराधों से संबंधित जागरूकता कॉलर ट्यून चलाने करने का निर्देश दिया था। विभाग के अनुसार, यह ट्यून 25 जून 2025 से बंद कर दी गई है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया था कि इस ट्यून को दिन में आठ से 10 बार चलाया जाए।

इस कॉलर ट्यून में बच्चन की आवाज में रिकॉर्ड संदेश था, जिसमें वह लोगों से साइबर ठगों से सावधान रहने और उनसे ‘‘दो कदम आगे’’ रहने की अपील करते थे।

उनकी आवाज में रिकॉर्ड संदेश में कहा गया था, “क्या आप जानते हर दिन छह हजार से भी अधिक लोग साइबर अपराधियों के हाथों करोड़ों रुपया गंवा रहे हैं, देखिए किसी को पैसे दोगुने करने की जल्दी होती है, तो कोई जो है अंजाने नबंरों से आए हुए वीडियो कॉल को झट से उठा लेते हैं और कई ऐसे हैं जो नकली पुलिस, सीबीआई या जज की वीडियो कॉल से डर भी जाते हैं। साइबर अपराधियों की चालों से अगर बचना है आपको तो उनसे दो कदम आगे रहना होगा।

देश में साइबर अपराध की गंभीरता का अंदाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई को लोकसभा में दी गई जानकारी से लगाया जा सकता है। सरकार ने बताया था कि वर्ष 2024 में साइबर अपराधियों के कारण लोगों को 22,845.73 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 206 प्रतिशत की वृद्धि है।

गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (सीएफसीएफआरएमएस) के अनुसार, 2024 में पूरे देश में साइबर धोखाधड़ी के कारण नागरिकों को होने वाले नुकसान की कुल राशि 22,845.73 करोड़ रुपये थी जो इससे पहले के वर्ष में 7,465.18 करोड़ रुपये थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
  Close Ad