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सरकार की आलोचना करने पर रोका गया अमोल पालेकर का भाषण

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करने पर अभिनेता-निर्देशक अमोल पालेकर के भाषण में कई बार रोक-टोक...
सरकार की आलोचना करने पर रोका गया अमोल पालेकर का भाषण

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करने पर अभिनेता-निर्देशक अमोल पालेकर के भाषण में कई बार रोक-टोक की गई। वे शनिवार को नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पालेकर ने एनजीएमए में लगाई जा रही आर्ट गैलरी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाकारों की समितियों को भंग कर दिया गया। दिल्ली से तय होता है कि किस कलाकार की प्रदर्शनी लगेगी। 

अमोल पालेकर ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

आज इस मसले पर अमोल पालेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, 'डायरेक्टर वहां मौजूद थीं और उन्होंने यह तक कहा कि यहां ऐसा बोलने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। मैंने कहा कि क्या बोलने से पहले मेरी स्क्रिप्ट भी सेंसर की जाएगी।'

उन्होंने कहा, 'मैंने उन लोगों से कहा कि मैं इस प्रदर्शनी के लिए मैं संस्कृति मंत्रालय का धन्यवाद करता हूं। लेकिन डायरेक्टर ने कहा कि वह इस तरह खानापूर्ति की तारीफ नहीं चाहतीं और वह चली गईं।'

प्रभाकर बर्वे की याद में लगाई गई थी प्रदर्शनी

एनएमजीए में आर्टिस्ट प्रभाकर बर्वे की याद में एग्जिबिशन लगाई गई है। पालेकर इसके उद्घाटन में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा, ''2017 में यह जानकर बहुत खुशी हुई कि एनजीएमए कोलकाता और पूर्वोत्तर में अपनी शाखा खोलने जा रहा है। मुंबई में भी इसको बढ़ाने की खबर आई थी। लेकिन 13 नबंवर, 2018 को एक और त्रासदी पूर्ण निर्णय ले लिया गया।'' इसके बाद क्यूरेटर जेसल ठक्कर ने उन्हें टोका और कहा कि आप प्रभाकर बर्वे के बारे में बोलिए, यह कार्यक्रम उनके योगदान को लेकर हो रहा है।

आजादी का सागर सिमट रहा है: पालेकर

लगातार टोके जाने पर पालेकर ने कहा, ''क्या आप चाहती हैं कि मैं आगे न बोलूं। ये जो सेंसरशिप है, हमसे कहा जा रहा है कि ये मत बोलो, वो मत बोलो, ये मत खाओ, वो मत खाओ। एनजीएमए कला की अभिव्यक्ति और विविध कला को देखने का पवित्र स्थान है, उस पर कैसा नियंत्रण। मैं इससे परेशान हूं। आजादी का सागर सिमट रहा है। इसे लेकर खामोश क्यों हैं? कुछ दिन पहले अभिनेत्री नयनतारा सहगल को मराठी साहित्य सम्मेलन में आने से रोका गया, क्योंकि वह जो बोलने वाली थीं, वो मौजूदा हालात की आलोचना थी। क्या हम यहां भी ऐसे हालात बना रहे हैं।''

अमोल पालेकर हिंदी और मराठी फिल्मों के जाने-माने नाम हैं। वह गोलमाल, छोटी सी बात, बातों बातों में, चितचोर, नरम गरम, घरौंदा जैसी फिल्मों से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन किया है, जिसमेें शाहरुख खान-रानी मुखर्जी की 'पहेली' भी शामिल है।

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