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‘अभिमान’ एक ऐसी फिल्म जो दो सितारों के मिलन की गवाह बनी

हाय-हाय तेरी ‌बिंदिया रे, पिया बिना, ‌मीत न मिला रे मन का, तेरे ‌मेरे मिलन की ये रैना जैसे गीत इतने...
‘अभिमान’ एक ऐसी फिल्म जो दो सितारों के मिलन की गवाह बनी

हाय-हाय तेरी ‌बिंदिया रे, पिया बिना, ‌मीत न मिला रे मन का, तेरे ‌मेरे मिलन की ये रैना जैसे गीत इतने अरसे बाद भी अगर सुनने वालों को अपनी मिठास का मुरीद बनाए हुए हैं, तो इनमें कुछ अलग बात तो है। हाल में अपने 45 वर्ष पूर्ण कर चुकी फिल्म ‘अभिमान’ जहां अपने मधुर गीत-संगीत की बिना पर संगीत प्रेमियों के लिए खास है, वहीं महानायक अमिताभ और जया बच्चन के लिए भी इसके अलग मायने हैं। दरअसल, अमिताभ के लिए फिल्मी दुनिया के शुरुआती दिन बेहतर नहीं रहे थे और एक के बाद एक लगातार असफल फिल्में देने के बाद इन दोनों कलाकारों ने संयुक्त रूप से फिल्म निर्माण की तरफ कदम बढ़ाया था। ‘अभिमान’ उन्हीं कोशिशों का नतीजा है, जिसका ‌निर्माण अमिताभ और जया बच्चन दोनों ने मिल कर किया था।

यूं तो इस जोड़ी ने कई फिल्में साथ कीं, लेकिन इस फिल्म से अभिनय के अलावा दोनों की कुछ उम्मीदें भी बावस्ता थीं। खुद महानायक ने इस फिल्म से जुड़े अनुभव और इसके खास होने की वजह अपने ब्लॉग पर साझा करते हुए बताया है कि यह फिल्म उनके लिए क्यों खास है। दरअसल, पर्दे पर पति-पत्नी के बीच के रिश्ते की बारीकियों को गहराई से बयां करती इस फिल्म के आखिरी शूट के दौरान ही अमिताभ और जया का प्रेम, विवाह के बंधन में तब्दील हो चुका था।

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