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जल्द ही पर्दे पर नजर आएगी मलाला की बायोपिक ‘गुल मकई’, जानें कहां हो रही है शूटिंग

बॉलीवुड में वर्तमान समय में बायोपिक फिल्मों का चलन जोरों पर है। अब इस कड़ी में पाकिस्तान की नोबेल...
जल्द ही पर्दे पर नजर आएगी मलाला की बायोपिक ‘गुल मकई’, जानें कहां हो रही है शूटिंग

बॉलीवुड में वर्तमान समय में बायोपिक फिल्मों का चलन जोरों पर है। अब इस कड़ी में पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई का भी नाम जुड़ गया है। जल्द ही दर्शकों को सिनेमाघरों में मलाला युसुफजई पर आधारित फिल्म देखने को मिलेगी। मलाला पर बनने वाली फिल्म का नाम 'गुल मकाई' है।

अमजाद खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में रेम शेख, दिव्या दत्ता, मुकेश ऋषि, अभिमन्यू सिंह और अजाज खान नजर आएंगे। अमजद खान ने कहा कि यह फिल्म मलाला के संघर्ष पर आधारित है, जिसमें मलाला के स्वात वैली से लेकर सबसे कम उम्र में नोबल शांति पुरस्कार विजेता बनने तक की कहानी होगी।  

 

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/GulMakai?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#GulMakai</a> My upcoming film <a href="https://t.co/R4mW1VxvGt">pic.twitter.com/R4mW1VxvGt</a></p>&mdash; Amjad Khan (@akhandirector) <a href="https://twitter.com/akhandirector/status/912408258161209344?ref_src=twsrc%5Etfw">September 25, 2017</a></blockquote>
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फिल्ममेकर ने कहा कि फिल्म का मुख्य भाग भुज और मुंबई में पहले ही शूट हो चुका है और हम फिल्म के अंतिम चरण को शूट करने के लिए कश्मीर में हैं। उन्होंने आगे कहा कि फिल्म का उद्देश्य है कि वह मलाला के साहस, उसकी लड़ाई और पाकिस्तान के लोगों की वास्तविकता और दुख को दिखाए।

 

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="in" dir="ltr">&#39;Gul Makai&#39;, Bollywood biopic on Nobel Peace Prize laureate Malala Yousafzai, being shot in Ganderbal&#39;s Kangan <a href="https://twitter.com/hashtag/JammuAndKashmir?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#JammuAndKashmir</a> <a href="https://t.co/I7jSJgv1Li">pic.twitter.com/I7jSJgv1Li</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/954222466066337792?ref_src=twsrc%5Etfw">January 19, 2018</a></blockquote>
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मलाला ने ‘Malala Fund’ नाम से एक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की और 2013 में सह-लेखक के तौर पर 'मैं हूं मलाला' शीर्षक पर एक पुस्तक लिखी, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेस्टसेलर रही। मलाला ने आगे भी शिक्षा के महत्व पर बात करना जारी रखा।

 इस फि‍ल्म में मलाला का कि‍रदार नि‍भाने के लि‍ए चाइल्ड आर्टि‍स्ट रीम शेख को चुना गया है। अपनी शानदार एक्‍टिंग स्‍कि‍ल और इनोसेंट लुक के कारण रीम को यह रोल ऑफर कि‍या गया है। इस फि‍ल्‍म में वो मलाला की तरह कुर्ता और स्‍कार्फ पहनकर नजर आएंगी।

इस फि‍ल्‍म में मलाला की मां की भूमि‍का में दि‍व्‍या दत्‍ता नजर आएंगी। इनके अलावा रागि‍नी खन्‍ना भी मुख्‍य भूमि‍का में होंगी। हाल ही में इस फि‍ल्‍म का पोस्‍टर जारी हुआ है, जि‍समें रीम का लुक बेहद प्रभावशाली लग रहा है।

हाल ही में जारी किए गए इस फिल्म के पोस्टर में रीम को खुली किताब पकड़े दिखाया गया है। उनका चेहरा आधा दिखाया गया है, वहीं आधे चेहरे को दहशत के धुंए से ढक दिया गया है। फिल्म 'गुल मकाई' को अमजद खान डायरेक्ट कर रहे हैं।

रीम शेख ने सीरि‍यल ‘अशोका’, ‘नीर भरे तेरे नैंना देवी’, ‘ना आना इस देश लाडो’, ‘ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा’, ‘ये रि‍श्‍ता क्‍या कहलाता है’ में चाइल्‍ड आर्टि‍स्‍ट के तौर पर काम किया है।

2014 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार

पाकिस्तान की नोबेल पुरष्कार विजेता मलाला युसुफजई ने फिलहाल ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया है। जहां वे दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रही हैं। मलाला युसूफजई को 2014 में भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। उस वक्त मलाला की उम्र महज 17 साल थी और वो नोबेल शांति पुरस्कार पाने वालों की सूची में सबसे कम उम्र की विजेता हैं।

संघर्ष से भरी है मलाला की कहानी

बता दें कि लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए आगे आईं 20 वर्षीय मलाला पर 2012 में पाकिस्तानी तालिबानी ने हमला किया था। मलाला युसूफजई तब महज 15 साल की थीं, जब तालिबान के एक बंदूकधारी ने उनके सिर में गोली मार दी थी।

स्वात घाटी में जिस दौरान यह हमला हुआ उस समय मलाला अपने स्कूल की परीक्षा देकर गांव वापस जा रही थीं। मलाला ने पाकिस्तान की लड़कियों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने की कोशिश की थी। इस हमले के तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए बर्मिंघम ले जाया गया और तब से वह अपने पूरे परिवार के साथ बर्मिंघम में ही रह रही हैं। वहीं से उनकी पढ़ाई और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने का अभियान चल रहा है।

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